'पीएम मोदी द्वारा नोबेल...', भारत से ट्रंप के नाराज होने की असल वजह आई सामने, अमेरिकी सांसद का बड़ा खुलासा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप पीएम मोदी द्वारा नोबेल पुरस्कार के लिए नामित न किए जाने से नाराज हैं. खन्ना ने कहा कि यह टैरिफ दोनों देशों के रणनीतिक रिश्ते और व्यापार को नुकसान पहुंचा रहा है.
Follow Us:
अमेरिका के एक सांसद और दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाए कदम भारत के साथ साझेदारी को नष्ट कर रहे हैं. उन्होंने आगाह किया कि ट्रंप के 'अहंकार' को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ रणनीतिक संबंध को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने कहा कि वह अमेरिका और भारत की साझेदारी को 'नष्ट' करने के लिए ट्रंप द्वारा किए जा रहे कार्यों से हक्के-बक्के हैं. रो खन्ना यूएस-इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं.
नोबेल के लिए नहीं किया नामित इसलिए...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामनों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते में खटास बढ़ती ही जा रही है. इसी बीच अमेरिकी सांसद और यूएस-इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रो खन्ना ने डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ट्रंप का अहंकार अमेरिका और भारत के बीच दशकों पुराने रणनीतिक रिश्ते को नुकसान पहुंचा रहा है. खन्ना ने कहा कि भारत से चमड़ा और कपड़ा जैसे सामानों की अमेरिका में बिक्री पर असर पड़ा है और इससे अमेरिकी कंपनियों का नुकसान भी हो रहा है.
इस दौरान खन्ना ने ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रंप यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किया, जबकि पाकिस्तान ने किया था. अमेरिकी सांसद ने कहा कि इसके अलावा भारत ने कश्मीर को आंतरिक मामला बताते हुए ट्रंप को कोई भूमिका नहीं दी, जिससे ट्रंप नाराज हैं.
भारत से संबंध खराब करना अमेरिका के लिए रणनीतिक नुकसान
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी ट्रंप की आलोचना की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत के साथ संबंध सिर्फ इसलिए कमजोर कर दिए क्योंकि पाकिस्तान उनके परिवार के साथ व्यापार को तैयार है. सुलिवन ने कहा कि भारत जैसे अहम साझेदार से दूरी बनाना अमेरिका के लिए रणनीतिक नुकसान है. हालांकि दूसरी ओर अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद सुलझ जाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और उसकी मूल्य प्रणाली अमेरिका से अधिक मेल खाती है, न कि चीन या रूस से.
इसके साथ ही व्हाइट हाउस के पूर्व व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने पीएम मोदी की रूस और चीन के नेताओं से मुलाकात पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े तानाशाहों पुतिन और शी जिनपिंग के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को देखना निराशाजनक था. गौरतलब है कि हाल ही में एससीओ (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने सदस्य देशों के बीच संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि मजबूत संपर्क व्यापार और विश्वास दोनों को बढ़ाता है.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement