'मोदी करें नोबेल के लिए 2 बार नामित...', टैरिफ वार को लेकर अमेरिका के पूर्व NSA जॉन बोल्टन का ट्रंप पर मजेदार तंज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर कुल 50% टैरिफ लगा दिया, जिससे अमेरिका में ही कई विशेषज्ञ नाराज़ हैं. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने इसे बेवजह भारत को नाराज करना बताया और तंज कसा कि पीएम मोदी ट्रंप को दो बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित कर दें.
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय वैश्विक राजनीति और आर्थिक फैसलों को लेकर सुर्खियों में हैं. खासतौर पर उनके टैरिफ वाले कदम ने कई देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया है. भारत के साथ भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. यह कदम न केवल भारत में बल्कि अमेरिका के भीतर भी सवालों के घेरे में है.
भारत को लेकर ट्रंप का टैरिफ वार
ट्रंप ने सबसे पहले भारत पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाया था. यह फैसला तब आया जब उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर आपत्ति जताई. हालांकि, यह शुल्क यहीं नहीं रुका. जल्द ही उन्होंने इसमें 25 प्रतिशत की और बढ़ोतरी कर दी, जिससे कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत हो गई. ट्रंप का दावा है कि यह कदम अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के लिए जो भी जरूरी होगा, वही करेगा. भारत की ओर से यह भी संदेश दिया गया कि वैश्विक परिस्थितियों में ऊर्जा सुरक्षा एक अहम मुद्दा है और किसी भी निर्णय में देश के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी.
अमेरिकी विशेषज्ञों की नाराजगी
ट्रंप के इस फैसले पर अमेरिका के कई विदेश मामलों के जानकार भी नाराज हैं. उनका मानना है कि भारत के साथ इस तरह का व्यवहार रणनीतिक रूप से गलत है, क्योंकि भारत अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. अब इसी सूची में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है, वो है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का. एनडीटीवी से बातचीत में बोल्टन ने कहा कि ट्रंप का यह कदम भारत-अमेरिका रिश्तों में अनावश्यक दरार डाल रहा है और इस दरार को भरने में समय लगेगा. उनका कहना था, "जब आप इतनी बड़ी गलती करते हैं, जितनी व्हाइट हाउस ने बीते 30 दिनों में भारत को निशाना बनाकर की है, तो भरोसा और विश्वास हासिल करने में समय लगता है."
बोल्टन का तंज
बातचीत के दौरान बोल्टन ने हल्के-फुल्के अंदाज में एक तंज भी कस दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को चाहिए कि ट्रंप को दो बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित कर दें. उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं. खास बात यह है कि पाकिस्तान ने पहले ही ऐलान किया था कि वह ट्रंप को पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नॉमिनेट करेगा.
पाकिस्तान और चीन का जिक्र
बोल्टन ने इस इंटरव्यू में पाकिस्तान का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ट्रंप से निपटने के तरीके खोज रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने-अपने तरीके से ट्रंप के साथ डील करने की रणनीति बना रहे हैं. इसके अलावा बोल्टन ने चीन को लेकर भी एक अहम सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने चीन पर अपेक्षाकृत कम टैरिफ लगाया है, जबकि चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है. इसके उलट भारत पर अधिक टैरिफ लगाया गया है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ खुद भी रूस से कई चीजें खरीदते हैं. यह बात भारत के लिए असमानता का संकेत है.
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की स्थिति
बोल्टन ने यह भी कहा कि यूक्रेन में सीजफायर कराने के ट्रंप के प्रयासों से भारत प्रभावित हुआ है. लेकिन रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत को निशाना बनाना और भारी-भरकम टैरिफ लगाना उनकी नीतियों में असंतुलन दिखाता है. भारत ने रूस से तेल खरीदना अपने ऊर्जा हितों के लिए जरूरी बताया है, खासकर तब, जब वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें अस्थिर हैं. भारत का मानना है कि वह अपने निर्णय स्वतंत्र रूप से लेगा और किसी भी तरह के बाहरी दबाव में नहीं आएगा. इस संदर्भ में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी साफ किया है कि राष्ट्रीय हित ही हर नीति का आधार रहेंगे.
टैरिफ का असर
जानकार मानते हैं कि ट्रंप के इस कदम से भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है. दोनों देशों के बीच तकनीकी, रक्षा और ऊर्जा सहयोग जैसे क्षेत्रों में गहरे संबंध हैं, लेकिन इस तरह के आर्थिक फैसले भरोसे को कमजोर कर सकते हैं. टैरिफ बढ़ने से भारत से अमेरिका को निर्यात महंगा हो जाएगा, जिससे भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता पर असर पड़ सकता है. साथ ही, यह कदम अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतें बढ़ा सकता है.
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