'देश छोड़कर भाग सकते हैं खामेनेई...', न्यू ईरान मूवमेंट के नेता का बड़ा दावा, कहा- देश में सत्ता परिवर्तन का मौका
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच मिडिल ईस्ट में तनाव और अधिक गहराता जा रहा है. ईरान के निर्वासित नेता और 'न्यू ईरान' अभियान के संस्थापक ईमान फोरोउतान ने दावा किया है कि इजरायली हमलों की वजह से ईरान में जल्द ही सत्ता परिवर्तन संभव है. ईरान के नेता सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को भी देश छोड़ने का विकल्प चुनना पड़ सकता है.
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ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच मिडिल ईस्ट में तनाव और अधिक गहराता जा रहा है. इसी बीच ईरान के निर्वासित नेता और 'न्यू ईरान' अभियान के संस्थापक ईमान फोरोउतान ने दावा किया है कि इजरायली हमलों की वजह से ईरान में जल्द ही सत्ता परिवर्तन संभव है. उन्होंने कहा कि कई प्रभावशाली हस्तियों ने देश छोड़ना शुरू कर दिया है और जल्द ही सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को भी देश छोड़ने का विकल्प चुनना पड़ सकता है.
फोरोउतान ने यह दावा एक इंटरव्यू के दौरान 'मीडिया लाइन' से बातचीत में किया. उन्होंने कहा कि "इजरायली हमलों ने ईरान के सैन्य, परमाणु और आर्थिक ढांचे को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया है. उनके अनुसार, इस हमले में कई प्रमुख हस्तियों की मौत हुई है, जिससे शासन व्यवस्था को गहरा झटका लगा है." चौंकाने वाली बात तो यह है कि फोरोउतान ने इस बात का दावा किया है कि ईरानी आमजन इन हमलों से दुखी नहीं हैं, बल्कि वे इसे सत्ता परिवर्तन के एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि "कई शहरों में लोग जश्न मना रहे हैं और खुलकर इस बात की उम्मीद जता रहे हैं कि मौजूदा कट्टरपंथी शासन अब ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा." बता दें कि ईमान फोरोउतान पिछले 15 वर्षों से निर्वासन में रहते हुए ईरान में लोकतांत्रिक शासन की स्थापना के लिए ‘न्यू ईरान’ आंदोलन चला रहे हैं.
प्रिंस रेजा पहलवी होंगे ईरान के अगले नेता
निर्वासित ईरानी नेता और 'न्यू ईरान' आंदोलन के प्रमुख ईमान फोरोउतान ने अपने में बयान कहा कि "ईरान के भविष्य के नेता प्रिंस रेजा पहलवी हो सकते हैं." उन्होंने दावा किया कि देश के भीतर और बाहर बड़ी संख्या में ईरानी नागरिक प्रिंस पहलवी को इस्लामी गणतंत्र के बाद के नेता के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. फोरोउतान ने कहा, “अभी सबसे अच्छा समय है, क्योंकि ईरान के पास प्रिंस रेजा पहलवी के रूप में एक ऐसा नेता है, जो पिछले 45 वर्षों से इस क्षण का इंतजार कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि 1979 की ईरानी क्रांति के बाद पहलवी परिवार को सत्ता से हटा दिया गया था और तब से रेजा पहलवी निर्वासन में रह रहे हैं. बावजूद इसके, वे ईरानी समाज में एक सम्मानित और भरोसेमंद नाम बने हुए हैं. फोरोउतान के अनुसार, इजरायली हमलों ने ईरान में शासन को कमजोर किया है, जिससे सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया तेज़ हो सकती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में रेजा पहलवी सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं जो सत्ता के संक्रमणकाल का नेतृत्व कर सकते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि "यह जरूरी नहीं है कि रेजा पहलवी अगला शाह बनें." उन्होंने कहा कि प्रिंस कई बार सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि ईरान की आज़ादी के बाद उनकी भूमिका समाप्त हो जाएगी, और देश के नागरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से तय करेंगे कि अगली व्यवस्था क्या होगी संसदीय राजशाही या लोकतांत्रिक गणतंत्र. बता दें फोरोउतान ने बड़ा दावा किया है ईरान को असली आज़ादी मिल सकती है और 45 वर्षों से चले आ रहे अधिनायकवादी शासन का अंत संभव है.
ट्रंप नहीं चाहते हैं युद्ध
फोरोउतान ने कहा, जो लोग डोनाल्ड ट्रंप को नहीं जानते थे, अब उन्हें समझ में आ रहा है कि वह जो कहते हैं, वही करते हैं. उन्हें युद्ध पसंद नहीं, उन्होंने ईरानी शासन को हर संभव मौका दिया कि वह बातचीत की मेज पर लौट आए. लेकिन इस बार अयातुल्लाओं ने ऐतिहासिक गलती कर दी, जिसका परिणाम यह होगा कि ईरान के लोग जल्द ही आज़ाद होंगे. उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक का शासन वही है जिसने दशकों से ईरानी नागरिकों को दबाया, प्रताड़ित किया, जेलों में डाला और उनके अधिकार छीने. अब जनता यह साफ देख रही है कि बदलाव का वक्त आ गया है.
खामेनेई भाग सकते हैं देश से बाहर
फोरोउतान का कहना है कि इज़रायल का यह सैन्य अभियान कम से कम एक हफ्ते तक चल सकता है और इसका उद्देश्य इस्लामिक गणराज्य की सैन्य क्षमता को पूरी तरह निष्क्रिय करना है. उन्होंने कहा कि “जब यह सुनिश्चित हो जाएगा कि ईरानी सैन्य शक्ति कोई प्रतिकार नहीं कर सकती, तब सर्वोच्च नेता अली खामेनेई देश छोड़ने का रास्ता चुन सकते हैं.” उन्होंने दावा किया कि ईरान की कई प्रभावशाली हस्तियां पहले ही देश छोड़कर रूस की ओर भाग गई हैं। "मेरे पास प्रत्यक्ष सूचना नहीं है कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं, लेकिन मैं कल्पना कर सकता हूं .
ईरान के लोग इसी दिन के इंतज़ार में थे
ईमान फोरोउतान ने ईरान के लोगों से एक भावुक टिप्पणी करते हुए कहा है कि ईरानी जनता सालों से “इसी दिन का इंतजार कर रही थी. उन्होंने कहा कि भले ही मौजूदा हालात में जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है, लेकिन लोग इसे एक जरूरी बलिदान और स्वतंत्रता की ओर बढ़ता कदम मान रहे हैं. फोरोउतान ने ‘मीडिया लाइन’ को दिए इंटरव्यू में कहा, “ईरान के लोग जानते हैं कि ऑपरेशन लंबा चल सकता है और इसके परिणामस्वरूप बहुत से लोग हताहत हो सकते हैं. लेकिन वे पिछले कई वर्षों से इस तरह के दिन के लिए प्रार्थना और प्रतीक्षा कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि “लोग डरे हुए हैं, लेकिन खुश भी हैं. उन्हें यह एहसास हो रहा है कि कट्टरपंथी शासन की जड़ें अब कमजोर पड़ रही हैं. पहली बार उन्हें एक वास्तविक उम्मीद नजर आ रही है कि उनका देश फिर से आज़ाद हो सकता है.
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