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'...चीन को बर्बाद कर सकता हूं', दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के सामने ट्रंप ने भरा दंभ, कहा- हमारे पास तुरुप के कई पत्ते

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग की मुलाकात हुई है. इस दौरान ट्रंप ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है. अब आप सोच रहे होंगे अमेरिका-कोरिया की मुलाकात में चीन क्यों और कहां से आ गया. तो आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया और चीन एक दूसरे के तगड़े प्रतिद्वंद्वी हैं. इसीलिए कोरियाई राष्ट्रपति के सामने ट्रंप कहते हैं कि मैं चाहूं तो चीन को बर्बाद कर सकता हूं, लेकिन ऐसा नहीं करूंगा. हमारे पास ऐसे-ऐसे कार्ड्स है जो चीन को तबाह कर सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्युंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा कि अमेरिका चीन के साथ "बेहतरीन संबंध" बनाए रखेगा, लेकिन वह ऐसे कदम नहीं उठाएंगे जो इस देश को तबाह कर दें. 

चीन पर अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा बयान 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि, "चीन के साथ हमारे अच्छे संबंध है... उनके पास कुछ कार्ड हैं. हमारे पास तुरुप के कई पत्ते हैं, लेकिन मैं उन कार्डों का इस्तेमाल नहीं करना चाहता. अगर मैं उन कार्ड्स का इस्तेमाल करता हूं, तो इससे चीन बर्बाद हो जाएगा. मैं उन कार्ड्स का इस्तेमाल नहीं करने वाला."

ट्रंप की कूटनीति कई देशों से कभी बेहतरीन रिश्तें तो कभी बैर वाली रही है. समय-समय पर वे इसका इस्तेमाल करते रहते हैं. ट्रंप ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि चीन को अपना मैग्नेट अमेरिका को देना ही पड़ेगा. अगर चीन ऐसा नहीं करता है कि उसे 200 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.

चीन अपना रेयर अर्थ मैग्नेट अमेरिका को दें 

मैग्नेट का मतलब 'रेयर अर्थ मैग्नेट' या 'रेयर अर्थ एलिमेंट' से है. ये मैग्नेट उच्च-तकनीकी और औद्योगिक प्रयोगों में महत्वपूर्ण घटक हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहन मोटर, पवन टर्बाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली जैसी रक्षा प्रणालियां शामिल हैं. चीन दुर्लभ 'रेयर अर्थ एलिमेंट' वैश्विक आपूर्ति में अग्रणी है, और दुनिया के लगभग 90% दुर्लभ रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन करता है. गौरतलब है कि जब से अमेरिका चीन पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहा है तब चीन ने भी रेयर अर्थ एलिमेंट के निर्यात को कंट्रोल कर दिया है. चीन ने इसे एक्सपोर्ट कंट्रोल की सूची में डाल दिया है इससे अमेरिका को इसका निर्यात बंद हो गया है और अमेरिका उद्योग प्रभावित हुए है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर इस महत्वपूर्ण मैटेरियल की सप्लाई के लिए दबाव डालते हए कहा, "लेकिन हमारे पास टैरिफ जैसी बहुत शक्तिशाली चीज है. अगर हम 100% या 200% टैरिफ लगाना चाहें, तो हम चीन के साथ कोई व्यापार नहीं करेंगे. और अगर ऐसा करना पड़ा तो भी ठीक होगा. लेकिन जहां तक मैग्नेट की बात है हमारे पास उनके लिए बहुत शक्ति है, और उनके पास भी हमारे खिलाफ कुछ शक्ति है." राष्ट्रपति ट्रंप ने मैग्नेट को लेकर आगे का प्लान बताते हुए कहा कि हमारे पास बहुत सारे मैग्नेट होंगे. वास्तव में इतने ज्यादा होंगे कि हमें समझ नहीं आएगा कि उनके साथ क्या करना है. मैग्नेट की कहानी बहुत दिलचस्प है. यह इसलिए हुआ क्योंकि हमारे राष्ट्रपति बिजनेसमैन नहीं थे, इसलिए उन्होंने ऐसा होने दिया, जो नहीं होना चाहिए था.

उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास बहुत बेहतर और बड़े विकल्प हैं. फिर भी मेरा मानना है कि हमारा चीन के साथ अच्छा रिश्ता है. मैंने हाल ही में राष्ट्रपति शी से बात की थी, और इस साल या उसके बाद, हम शायद चीन जाएंगे और वहां कुछ शानदार देखेंगे. यह एक महान देश है." बता दें कि अभी अमेरिका चीन से आने वाले अधिकांश वस्त्रों पर औसतन 145% टैरिफ वसूल रहा है, जबकि चीन अमेरिका से आयात होने वाली अधिकांश वस्तुओं पर 125% टैरिफ लगा रहा है. अमेरिका ने अपने सुरक्षा, ड्रग तस्करी (फेंटेनल) और तकनीकी हितों के चलते टैरिफ बढ़ाए हैं, जिससे व्यापक तौर पर चीनी सामान पर 145% तक का टैरिफ लागू है. चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर टैरिफ 125% तक बढ़ा दिए हैं, खासकर एग्रीकल्चर, ऑटो पार्ट्स और हाई-टेक प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाए हैं.

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