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जुबान लड़खड़ाने लगी, चेहरे पर शिकन, आंख में डर...भारत को गीदड़भभकी देते वक्त शहबाज शरीफ की हालत खराब, ताली भी नहीं बजा पाए दर्शक!

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से भारत को गीदड़भभकी दी है. उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के पानी की एक बूंद भी छीनने नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही शहबाज ने चेतावनी दी कि अगर भारत ने पानी रोकने की कोई कोशिश की, तो उसे पछताना पड़ेगा.

Shehbaz Sharif (File Photo)

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने के कदम के चलते पाकिस्तान में पानी को लेकर उत्पन्न संकट सबके सामने है. सिंधु जल संधि को बहाल करवाने के लिए पाकिस्तानी नेतृत्व ने कई बड़े देशों के सामने भारत से बातचीत की गुहार लगाई. लेकिन यह बातें जगजाहिर है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह दी और भारत में हमला करवाया. इस कारण कोई भी देश पाकिस्तान की मदद के लिए आगे नहीं आया. हालांकि अमेरिका ने कई बार पाकिस्तान को झूठी हिम्मत दी. जिसके बल पर मुंह की खानी के बाद अब पाकिस्तान के नेता, सेना प्रमुख से लेकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो तक, भारत को लेकर युद्ध की धमकी देने लगे हैं.

शहबाज के भाषण पर खामोश रहे लोग 

एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, लड़खड़ाती ज़ुबान और डरती आँखों के साथ, अपने लोगों की वाहवाही लूटने के लिए सिंधु जल को लेकर भारत को धमकी देते नजर आए. लेकिन सबसे मज़ेदार बात यह रही कि कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने उनके भाषण पर न तो मुस्कराया और न ही तालियां बजाईं. इस दौरान ऐसा लगा कि पाकिस्तान के कुलीन वर्ग को पता है कि उसका पीएम झूठ बोल रहा है और शेखी बघार रहा है. उनके चेहरे साफ बता रहे थे कि शहबाज की जुबान और चेहरे एक जैसे नहीं है, जुबान कुछ कह रही है और चेहरा कुछ और. सामने बैठे लोगों को देख साफ लग रहा था कि वो कतई मुतमईन नहीं हैं जो उनकी आर्मी और सरकार कह रही है.

ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के लोगों को अच्छी तरह पता है कि भारत ने पानी और सैन्य कार्रवाई के जरिए पाकिस्तान को किस तरह का संदेश दिया और वैश्विक स्तर पर उसकी किरकिरी कर दी. ऐसे में अगर पाकिस्तान फिर से युद्ध करने की हिमाक़त किया तो उसका क्या हश्र होगा.

भाषण में शहबाज ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक समारोह में अपने भाषण के दौरान कहा, "मैं आज दुश्मन को बताना चाहता हूं कि अगर आप हमारा पानी रोकने की धमकी देते हैं तो यह बात ध्यान में रखें कि आप पाकिस्तान के पानी की एक बूंद भी नहीं छीन सकते." उन्होंने और चेतावनी दी कि अगर भारत ने ऐसी कोई कार्रवाई की, तो "आपको फिर ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि आपको पछताना पड़ेगा." इस बयान ने एक बार फिर से सिंधु जल को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है.

मुनीर ने भी दी थी गीदड़भभकी 

सिर्फ शहबाज शरीफ ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भी हाल ही में विवादास्पद बयान देकर स्थिति को और जटिल बना दिया है. फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए मुनीर ने भविष्य में भारत के साथ युद्ध की स्थिति में अपने देश के अस्तित्व को खतरे में होने पर कथित रूप से परमाणु हमला करने की धमकी दी. मुनीर ने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान की ओर जल प्रवाह को बाधित किया, तो इस्लामाबाद भारतीय बुनियादी ढांचे को नष्ट कर देगा. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मुनीर ने कहा, "हम एक परमाणु राष्ट्र हैं. अगर हमें लगता है कि हम तबाह होने जा रहे हैं, तो हम अपने साथ आधी दुनिया को भी तबाही के रास्ते पर ले जाएंगे." इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने भी सिंधु जल को लेकर कड़वे शब्द बोले थे. बिलावल ने सिंधु जल समझौते के स्थगन को सिंधु घाटी सभ्यता पर हमला करार दिया था और कहा कि अगर भारत ने युद्ध थोपा, तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा.

भारत ने दिया करारा और स्पष्ट जवाब

मुनीर की अमेरिकी धरती से दी गई परमाणु धमकी पर नई दिल्ली ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. भारत ने कहा कि परमाणु हथियारों की धमकी देना पड़ोसी मुल्क की आदत है और इससे पाकिस्तान में सेना और आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ वाले परमाणु कमान और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर और संदेह बढ़ता है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा. मंत्रालय ने अमेरिका को भी स्पष्ट संदेश दिया कि यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां किसी तीसरे देश की धरती से की गईं.

ओवैसी का शहबाज शरीफ के बयान पर तीखा जवाब

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "'ब्रहमोस हमारे पास है'. उन्हें ऐसी बकवास नहीं करनी चाहिए. इस तरह की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बस बहुत हो गया."

सिंधु जल संकट और वैश्विक परिदृश्य

सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जो दोनों देशों के बीच जल वितरण को नियंत्रित करता है. इस संधि के अंतर्गत भारत पश्चिमी नदियों (इंडस, झेलम, चिनाब) का पानी पाकिस्तान को देता है और पूर्वी नदियों (सतलुज, रावी, ब्यास) का उपयोग भारत अपने कृषि और जल प्रबंधन के लिए करता है. पहलगाम हमले के बाद भारत का यह कदम, यानी संधि को अस्थायी रूप से रोकना, पाकिस्तान के लिए गंभीर संकट का कारण बन गया है. देश में पानी की कमी, सिंचाई के मुद्दे और कृषि संकट ने आम जनता के जीवन को सीधे प्रभावित किया है. इसके साथ ही पाकिस्तान के नेताओं द्वारा युद्ध और परमाणु हमले की धमकियां वैश्विक स्तर पर उनके देश की स्थिति को कमजोर करती हैं.

आगे क्या हो सकता है?

जानकारों की माने तो कि पाकिस्तान की ये धमकियां केवल आक्रामक बयानबाजी हैं और वास्तविक कार्रवाई में सीमित रहेंगी. भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जल समझौतों और शांतिपूर्ण सहयोग का समर्थन किया है. लेकिन इस बार भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आतंकवाद और जल सुरक्षा के मुद्दों पर वह कोई समझौता नहीं करेगा. कूटनीतिक रूप से, यह स्थिति वैश्विक समुदाय के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लगातार दोनों देशों को संयम बरतने और जल और सुरक्षा मामलों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की सलाह दे रही हैं. लेकिन पाकिस्तान की धमकियों और अमेरिका में दिए गए बयानों ने स्थिति को और नाजुक बना दिया है. अब ये जाहिर है कि इन बयानों से भारत का रूख और भी सख्त होगा और पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ जाएगा. 

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