Advertisement

भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील डन... बढ़ेगी 'ब्रांड इंडिया' की धमक, सस्ते होंगे व्हिस्की और कारें समेत UK के कई प्रोडक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन दौरे के दौरान लंदन में ब्रिटिश पीएम किएर स्टार्मर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते से कपड़े, जूते और अन्य उत्पाद सस्ते होंगे, सी फूड जैसे भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन में नए अवसर मिलेंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा.

Photo: X/

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय ब्रिटेन दौरे के दौरान जिस गरिमा और मजबूती के साथ सामने आए, उसने एक बार फिर दुनिया को ये संदेश दे दिया कि भारत अब किसी भी वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ खड़ा है. इस दौरे में पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच जो द्विपक्षीय बैठक हुई, वो केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को नई ऊंचाई देने वाली ऐतिहासिक घटना बन गई.

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन,
इस ऐतिहासिक मुलाकात का सबसे बड़ा नतीजा रहा दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड डील (FTA) पर हस्ताक्षर. तीन साल से जिस समझौते पर बातचीत जारी थी, वह अब आकार ले चुका है. इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि दोनों देशों के उपभोक्ताओं को अब एक-दूसरे के उत्पाद सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे. भारत से ब्रिटेन को जाने वाले कपड़े, जूते, सी-फूड, ज्वेलरी और इंजीनियरिंग सामान पर लगने वाला टैरिफ अब या तो खत्म होगा या काफी कम. वहीं ब्रिटेन से भारत आने वाले कुछ प्रमुख उत्पाद, जैसे व्हिस्की और कारें भी अब सस्ती होंगी.

भारत के लिए नए बाज़ार, ब्रिटेन के लिए नया निवेश
प्रधानमंत्री मोदी ने इस डील की सराहना करते हुए कहा कि यह समझौता दोनों देशों की जनता के लिए फायदे का सौदा है. इससे भारतीय टेक्सटाइल, सी-फूड, कृषि उत्पाद और प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री को ब्रिटेन में एक मजबूत जगह मिलेगी. छोटे और मध्यम व्यापारियों को इससे बड़ा लाभ होगा. वहीं, ब्रिटेन को भी इस डील से हजारों नई नौकरियों, निवेश और विकास के अवसर मिलेंगे. ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर ने भी इसे “आर्थिक विकास और लोगों की आमदनी में इज़ाफा करने वाला ऐतिहासिक फैसला” बताया. उनका कहना था कि इससे यूके की अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी और कामकाजी वर्ग को सीधा फायदा होगा.

भारत में खुलेंगे यूके यूनिवर्सिटी कैंपस
केवल व्यापार ही नहीं, शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत और यूके के बीच रिश्ते नई दिशा ले रहे हैं. ब्रिटेन की छह प्रमुख यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोलने जा रही हैं, जिनमें से एक ने गुरुग्राम में शुरुआत भी कर दी है. इससे भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा अपने ही देश में सुलभ होगी. पीएम मोदी ने इस पहल को “शिक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय” बताया.

आतंकवाद पर दो टूक और सुरक्षा पर साझा दृष्टिकोण
इस मुलाकात में केवल आर्थिक और शैक्षिक मुद्दे ही नहीं उठे, बल्कि सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता जैसे अहम विषयों पर भी चर्चा हुई. पहलगाम में हुए आतंकी हमले की ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा की गई निंदा पर पीएम मोदी ने उनका आभार जताया. उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई दोहरा रवैया स्वीकार नहीं किया जाएगा और कट्टरपंथी सोच को लोकतांत्रिक आज़ादी के नाम पर छूट नहीं दी जा सकती.

वैश्विक मुद्दों पर साझा सोच, विजन 2035 की दिशा में मजबूत कदम
भारत और ब्रिटेन दोनों ने मिलकर 'विजन 2035' पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई, जिसमें टेक्नोलॉजी, डिफेंस, क्लाइमेट चेंज, पीपल-टू-पीपल कनेक्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं. पीएम मोदी ने कहा कि यह साझेदारी केवल दो देशों के बीच समझौता नहीं, बल्कि आने वाले दशक का एक मजबूत रोडमैप है, जो वैश्विक स्थिरता और विकास को दिशा देगा. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, यूक्रेन संघर्ष और मिडिल ईस्ट की अस्थिरता जैसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी दोनों नेताओं ने समान सोच जताई और सभी देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर बल दिया.

क्रिकेट से कूटनीति तक, संबंधों में आई गर्मजोशी
पीएम मोदी ने मुलाकात के दौरान क्रिकेट का जिक्र करते हुए कहा कि क्रिकेट हमारे लिए सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावना है. यह टिप्पणी दर्शाती है कि भारत और ब्रिटेन के संबंध सांस्कृतिक स्तर पर भी कितने गहरे हैं. जब भारत और UK मिले और वो भी टेस्ट सीरीज के दौरान तब क्रिकेट का उल्लेख करना ही पड़ता है. दोनों देशों के लिए क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं बल्कि जुनून भी है और हमारी साझेदारी के लिए एक महान रूपक भी है. कभी-कभी स्विंग और मिस हो सकता है लेकिन हम हमेशा सीधे बल्ले से खेलेंगे. हम हाई स्कोरिंग दीर्घकालिक साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आज संपन्न हुए समझौते और विजन 2035 इसे आगे बढ़ाने वाले माइलस्टोन हैं."

बताते चलें कि भारत-ब्रिटेन के बीच हुआ यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट सिर्फ व्यापारिक करार नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास, समान सोच और साझी प्रगति की नींव है. भारत की वैश्विक पहचान को यह समझौता और मजबूत करेगा. आने वाले समय में इससे भारतीय उद्योग, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा नीति को मजबूती मिलेगी. आज भारत के लिए ऐसे समझौते उसके आत्मनिर्भर और वैश्विक शक्ति बनने की कहानी को और भी पुख्ता बनाते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement