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रूस में 8.7 तीव्रता का भूकंप, समंदर में उठीं लहरें... इन देशों में मंडरा रहा है सुनामी का खतरा, अलर्ट जारी

रूस के कामचटका में बुधवार 30 जुलाई को 8.7 तीव्रता का भूकंप आया. यह झटका समुद्र के नीचे 19.3 किमी की गहराई पर दर्ज किया गया, जिससे सतह पर तेज कंपन हुआ. USGS के अनुसार, इससे सुनामी का खतरा बना हुआ है. अमेरिका और जापान ने अलर्ट जारी कर दिया है. जापान मौसम विभाग के मुताबिक तटीय इलाकों में 1 मीटर तक ऊँची लहरें पहुंच सकती हैं. प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को स्थिति की जानकारी दी गई है. सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग कर राहत-बचाव की तैयारी शुरू कर दी है. अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है.

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में भयंकर और बेहद डरवाने भूकंप के झटके महसूस किए गए.  जिसकी रिक्टर स्केल पर 8.7 तीव्रता का मापा गया. यह भूकंप करीब 19.3 किलोमीटर की कम गहराई पर आया जिससे सतह पर झटके और भी तीव्र महसूस हुए. इतनी तीव्रता और कम गहराई दोनों ने इस भूकंप को बेहद खतरनाक बना दिया है. इस बाद सुनामी को लेकर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. 

सुनामी की चेतावनी जारी

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने तुरंत इस भूकंप को दर्ज करते हुए जानकारी दी कि समुद्र के नीचे स्थित यह झटका सुनामी की संभावना पैदा करता है. अमेरिका और जापान में तत्परता बढ़ा दी गई है. यूएस सुनामी चेतावनी केंद्र ने कुछ जापानी और रूसी तटीय इलाकों में खतरनाक सुनामी की संभावना जताई है और साथ ही फिलीपींस, मार्शल आइलैंड्स, पलाऊ जैसे द्वीपों पर हल्की लहरों का अनुमान लगाया है. मंत्रालय के अनुसार, अगले तीन घंटों में यह लहरें इन जगहों तक पहुंच सकती हैं.

जापान में सतर्कता बढ़ी 

अंतरष्ट्रीय न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जापान मौसम विज्ञान विभाग ने अंदाजा लगाया है कि तटीय इलाके तक लगभग 1 मीटर ऊंची लहरें पहुंच सकती हैं. इसे देखते हुए जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को तत्काल स्थिति की जानकारी दी गई. देश में इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई जिसमें राहत एवं बचाव कार्य पर चर्चा हुई है. सरकार ने स्थानीय प्रशासनों को तैयार रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं.

पहले भी आ चुका हैं भूकंप

कामचटका क्षेत्र बार‑बार तेज भूकम्प का शिकार रहा है. इस साल इसी महीने 20 जुलाई को भी यहां दो तेज झटके आए थे – एक 7.4 और दूसरा 6.7 तीव्रता का. इससे साफ पता चलता है कि यह क्षेत्र भू‑यांत्रिक दृष्टि से सक्रिय है और खतरनाक झटकों की संभावना बनी रहती है. रूस के क्षेत्रीय गवर्नर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अभी तक किसी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं मिली है. लेकिन एक किंडरगार्टन को नुक़सान पहुंच है. उन्होंने इस भूकंप को पिछले दशकों में सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया है. उन्होंने तटीय इलाकों में रहने वालों से अपील की है कि वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.

सुनामी का प्रभाव और पिछली घटनाओं का अनुभव

पिछली घटनाओं से मिली जानकारी याद दिलाती है कि इस तरह के भूकंप अक्सर सुनामी को जन्म देते हैं. अप्रैल 2024 में ताइवान के हुलिएन क्षेत्र में 7.2 तीव्रता वाला भूकंप आया था. इसके कारण सुनामी चेतावनी जारी की गई थी और तटीय इलाके में छोटी लहरें उठीं, जिसके चलते 14 लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह जून 2024 में पेरू के अरेक्विपा क्षेत्र में भी 7.2 तीव्रता के झटके के बाद सुनामी का खतरा उत्पन्न हुआ था. इन दोनों घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर तैयारियाँ न हों तो सीमित से सीमित सुनामी भी जानलेवा हो सकती है.

राहत‑बचाव एवं सरकारी तैयारी

जापान सरकार ने अपनी इमरजेंसी सूची सक्रिय कर दी है और राहत दल तैयार खड़े हैं. राहत‑कर्मी, जल स्तर मापक यंत्र, बचाव किट और टेंट तैयार किए गए हैं. रूस में भी स्थानीय प्रशासन घरों को खाली करने, ऊँची जगहों की ओर लोगों को निर्देश देने, और सुरक्षित स्टेशनों पर शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है. सरकारों का संदेश साफ है. ज्यादा खतरनाक हालात न आने तक सतर्कता बरतें.

समुद्री आवाजाही और विमान सेवाएं प्रभावित

सुनामी की आशंका के चलते समुद्री जहाजों और तटीय बंदरगाहों की गतिविधियां फिलहाल रोकी गई हैं. विमान सेवाएं भी प्रभावित है और कुछ रूट्स को रद्द किया गया है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. ऐसे में यात्रियों से कहा गया है कि वे सरकारी घोषणाओं पर नजर रखें और यात्रा योजना में जरूरी बदलाव करें. भूकंपीय विशेषज्ञों का कहना है कि कामचटका के समुद्र की प्लेटें सक्रिय हैं और समय‑समय पर बड़े झटके हो सकते हैं. अब तक कोई जानहानि नहीं हुई है लेकिन आगे भी संभावित असर को गंभीरता से लिया जा रहा है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकारें सुनामी शुरुआती चेतावनी नेटवर्क को और मजबूत करें, जनता को समय‑समय पर जागरूक करें और तटीय संरचना को विशेष सुरक्षा मानकों के अनुसार तैयार रखें.

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