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हाथ में कटोरा, जुबान पर जन्नत... ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी नहीं सुधरा मसूद अजहर, बहावलपुर में रच रहा है नई साजिश

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने पाकिस्तान और जैश-ए-मोहम्मद को करारा झटका दिया है. भारतीय हमले में बहावलपुर स्थित जैश का मुख्यालय तबाह हो गया था. अब मसूद अजहर इस आतंकी अड्डे को दोबारा खड़ा करने की साजिश में जुटा है. सोशल मीडिया के ज़रिए चंदा इकट्ठा करने का कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसमें भावनात्मक अपील करते हुए मसूद ने लिखा है कि "शहीद मस्जिदें फिर मुस्कुराएंगी और जिहाद के नए रास्ते खुलेंगे."

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की कारवाई ने पाकिस्तान और उसके पालित आतंकी संगठनों की नींद उड़ा दी है. यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य कार्रवाई था बल्कि यह भारत की कूटनीतिक और सुरक्षा नीति का स्पष्ट संदेश भी था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया था. इसमें सौ से अधिक आतंकवादी भी मारे गए थे. 

मसूद अजहर की बेचैनी

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय 'सुभान अल्लाह मस्जिद' को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. यह मस्जिद आतंकी गतिविधियों का प्रमुख अड्डा बन चुकी थी. इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य और कई अन्य आतंकवादी मारे गए. इस भारी नुकसान के बाद अब जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर ने इस आतंकी ठिकाने को फिर से खड़ा करने की साजिश रचनी शुरू कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसूद ने एक नया कैंपेन शुरू किया है, जिसके ज़रिए वह सोशल मीडिया पर चंदा मांग रहा है.

सोशल मीडिया पर जैश की अपील

जैश-ए-मोहम्मद की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया है कि सबको एक होकर काम करना है. पैसा इकट्ठा करना है, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कि किसने कितना पैसा दिया है, इसका किसी को पता न चले. इस पोस्ट में मसूद अजहर ने लिखा है कि इस मुहिम से “जमीन के कई हिस्से जन्नत बन जाएंगे. शहीद मस्जिदें फिर से मुस्कुराएंगी और रौनक लौटेगी.” पोस्ट में यह भी कहा गया कि “जो दीवाने जिहाद की राह में तरस रहे हैं, उनके लिए भी नए रास्ते खुलेंगे.” साफ है कि मसूद अजहर अपने नेटवर्क को दोबारा जीवित करने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए भावनात्मक अपील का सहारा ले रहा है.

भारत की रणनीतिक सफलता

ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य जवाब नहीं था. यह भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ छेड़ी गई निर्णायक लड़ाई का हिस्सा था. इसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद कई आतंकवादी ठिकानों को भी निशाना बनाया गया. एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों के ट्रेनिंग कैंप, भर्ती केंद्र और कम्युनिकेशन बेस तबाह कर दिए गए. भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शर्मिंदा किया. भारत ने यह साबित कर दिया कि वह अब आतंकी हमलों का जवाब सीमाओं में बंधकर नहीं, बल्कि सीमा पार जाकर देने में सक्षम है.

पाकिस्तान की घबराहट और दोहरी नीति

पाकिस्तान सरकार एक तरफ तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को आतंक के खिलाफ लड़ने वाला देश बताती है, वहीं दूसरी ओर अपने ही देश में आतंक की फैक्ट्री चला रही है. बहावलपुर जैसे इलाकों में मस्जिदों की आड़ में चल रहे आतंकी ठिकाने इसी बात का सबूत हैं. भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स और एयरस्ट्राइक्स के बाद भी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं लिया. अब जब ऑपरेशन सिंदूर में जैश का प्रमुख अड्डा ध्वस्त हुआ है, तो पाकिस्तान न केवल मसूद अजहर को खुली छूट दे रहा है, बल्कि चंदा जुटाने के इस अभियान को रोकने की कोई कोशिश भी नहीं कर रहा.

भारत की सतर्क निगाहें

भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर अब मसूद अजहर की हर गतिविधि पर है. सोशल मीडिया पर चल रहे इस चंदा अभियान को ट्रैक किया जा रहा है. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जैश अपने ठिकानों को फिर से खड़ा करने में सफल हो गया, तो यह आने वाले समय में एक बड़ा खतरा बन सकता है. भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा. अगर जरूरत पड़ी, तो अगला ऑपरेशन और भी बड़ा और निर्णायक हो सकता है.

बताते चलें कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि भारत अब आतंक के खिलाफ केवल बयान नहीं देता, बल्कि सीधे कार्रवाई करता है. जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के लिए यह एक कड़ा संदेश है कि उनका कोई भी अड्डा भारत की नजरों से छिपा नहीं है. मसूद अजहर चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, अब भारत के नए सुरक्षा ढांचे और रणनीति के सामने उसकी एक न चलेगी.

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