PM मोदी से मुलाकात से पहले ब्रिटिश PM स्टार्मर ने की FTA की तारीफ, बोले- ‘बड़ी जीत’, जानिए भारत-ब्रिटेन डील की पूरी कहानी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को ब्रिटेन के लिए रोजगार और आर्थिक विकास की बड़ी सफलता बताया है. इस समझौते से कपड़े, जूते और खाद्य वस्तुएं सस्ती होंगी क्योंकि इन पर लगने वाले टैक्स में कटौती की जाएगी. लगभग 6 बिलियन पाउंड के निवेश और व्यापारिक सौदों पर सहमति बनी है, जिससे भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में विस्तार करेंगी और ब्रिटिश कंपनियों को भारत में नए अवसर मिलेंगे.
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भारत और यूके के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) अब एक निर्णायक मोड़ पर है. ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने खुद इस ऐतिहासिक फैसले की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह समझौता न केवल व्यापारिक संबंधों को एक नई ऊंचाई देगा, बल्कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में जान फूंक देगा. कीर स्टार्मर का यह बयान तब सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन पहुंच चुके है. इस दौरान दोनों नेता एक नई व्यापक और रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive and Strategic Partnership) पर भी साइन करेंगे, जिसमें रक्षा, शिक्षा, जलवायु, तकनीक और इनोवेशन पर सहयोग को और मजबूत किया जाएगा. यह साझेदारी सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आम लोगों की जेब, बाजारों की रफ्तार और वैश्विक व्यापार में बदलाव का संकेत हैं.
कपड़े, जूते और खाने-पीने की चीजें होंगी सस्ती
इस समझौते का सबसे सीधा असर आम जनता पर दिखेगा. समझौते के तहत कपड़े, जूते, और खाद्य उत्पादों पर लगने वाले टैक्स यानी टैरिफ में भारी कटौती की जाएगी. इससे ये उत्पाद दोनों देशों के बाजारों में सस्ते मिलेंगे. ब्रिटिश नागरिकों को जहां भारतीय मसाले, चाय और रेडीमेड कपड़े कम कीमत पर मिलेंगे, वहीं भारतीय उपभोक्ताओं को ब्रिटिश चॉकलेट्स, चीज और अन्य प्रीमियम उत्पाद अधिक सुलभ हो जाएंगे.
6 बिलियन पाउंड का निवेश
FTA के जरिए लगभग 6 बिलियन पाउंड (लगभग 63,000 करोड़ रुपये) के निवेश और व्यापारिक समझौतों पर सहमति बनी है. इस निवेश से भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन में विस्तार का मौका मिलेगा और साथ ही ब्रिटेन की कंपनियां भारत में नए अवसर तलाशेंगी. यह साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका विस्तार रक्षा, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, तकनीक और नवाचार जैसे अहम क्षेत्रों तक किया जाएगा. इस समझौते से भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान और सहयोग का एक और मजबूत आधार मिलेगा.
ब्रिटेन में हजारों नौकरियों की संभावना
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने इसे "ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत" बताते हुए साफ कहा कि यह समझौता हजारों नई नौकरियों का रास्ता खोलेगा. इससे स्थानीय व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी और हर कोने में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उनकी मंशा स्पष्ट है कि आम ब्रिटिश नागरिक की जेब में ज्यादा पैसा और जीवन यापन की लागत में राहत हो.
कैसे बदलेगा टैक्स और मुनाफा का संतुलन
ब्रिटेन के बिजनेस एंड ट्रेड विभाग की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ब्रिटिश उत्पादों पर लगने वाला औसत 15% टैक्स घटकर केवल 3% रह जाएगा. इससे ब्रिटिश कंपनियों को भारत में व्यापार करना और भी आकर्षक लगेगा. भारत को भी इससे फायदा मिलेगा, क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद अब कम कीमत पर उपलब्ध होंगे. उदाहरण के लिए, ब्रिटिश व्हिस्की पर वर्तमान में 150% का टैरिफ लगता है, जो धीरे-धीरे घटकर 75% और फिर 10 वर्षों में सिर्फ 40% रह जाएगा. इससे शराब उद्योग को बड़ा फायदा मिलेगा. इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच कुल व्यापार में 39% की वृद्धि की संभावना है और यह 2040 तक 25.5 बिलियन पाउंड तक पहुंच सकता है.
व्यापक रणनीतिक साझेदारी की नींव
मोदी और स्टार्मर के बीच जो समझौता पर अंतिम साइन होना बाक़ी है, वह केवल व्यापार का सौदा नहीं है, बल्कि यह एक Comprehensive and Strategic Partnership है. इसमें दो राष्ट्रों के बीच न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक, तकनीकी और सुरक्षा सहयोग को भी महत्व दिया गया है. यह साझेदारी दिखाती है कि भारत और ब्रिटेन अब केवल आयात-निर्यात तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि एक-दूसरे के विकास में भागीदार बनेंगे.
भारत के लिए क्या हैं फायदे?
भारत के लिए यह समझौता अवसरों का पिटारा लेकर आया है. ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों का विस्तार तेज़ होगा, जिससे न केवल व्यापार बढ़ेगा बल्कि वैश्विक निवेश में भारत की स्थिति मजबूत होगी. भारत को तकनीकी ट्रांसफर, स्किल डेवलपमेंट और वैश्विक मार्केट में ब्रांड वैल्यू बढ़ाने के मौके मिलेंगे. साथ ही भारत के युवाओं के लिए विदेश में करियर के नए रास्ते खुलेंगे.
क्या यह FTA भविष्य की साझेदारी का मॉडल बनेगा?
भारत और ब्रिटेन का यह समझौता दुनिया के सामने एक नया उदाहरण पेश करता है कि कैसे दो मजबूत लोकतंत्र आपसी सम्मान, आर्थिक मजबूती और साझा हितों के साथ आगे बढ़ सकते हैं. यह FTA अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है, जो भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं. इसमें ‘विन-विन’ की रणनीति स्पष्ट रूप से दिखती है.
बताते चलें कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता केवल दो देशों के बीच व्यापारिक सहमति नहीं है, बल्कि यह एक नई वैश्विक सोच, मजबूत साझेदारी और साझा भविष्य की दिशा में बढ़ाया गया कदम है. इस कदम से न केवल भारत को लाभ होगा, बल्कि ब्रिटेन को भी आर्थिक स्थिरता और विकास की नई राह मिलेगी. यह समझौता बताता है कि जब दो लोकतंत्र पारदर्शिता, विश्वास और आपसी हितों को आधार बनाकर आगे बढ़ते हैं, तो नतीजे केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक भी होते हैं.
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