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नेपाल के बाद अब जल उठा फ्रांस, सरकार की नीतियों के खिलाफ हिंसक झड़प, सड़कों पर आगजनी और तोड़फोड़, 200 गिरफ्तार

फ्रांस की राजधानी पेरिस में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग प्रधानमंत्री इमैनुएल मैक्रों की नीतियों से नाराज हैं. प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और पुलिस पर पथराव किया है.

नेपाल के बाद अब फ्रांस की सड़कों पर सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. जनता सड़क पर है और लोग इमैनुएल मैक्रों सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. राजधानी पेरिस में आगजनी हो रही है. हिंसक प्रदर्शन में अबतक 200 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 

सरकार की नीतियों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन 

फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ जबरदस्त हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. लोगों का कहना है कि मैंक्रों सरकार ने लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया और उनका वित्तीय प्रबंधन काफी खराब रहा है. इन प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया पर 'Block Everything' के आह्वान से हुई और लोग अब संगठित होकर विरोध-प्रदर्शन को उतर आए हैं.

हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिलहाल उन पर काबू नहीं पाया जा रहा है. प्रदर्शनकारी पूरे फ्रांस में प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने ट्रैफिक को पूरी तरह रोक दिया है. कूड़ेदानों को जलाए जा रहे हैं और जगह-जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प हो रही है. प्रदर्शनकारी हर गतिविधि पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि देश भर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि जल्द से जल्द सभी अवरोधों को हटाया जा सके. बताया जा रहा है कि दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, फ्रांस के गृह मंत्री ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के शुरुआती चरण में लगभग 200 गिरफ्तारियों की घोषणा की है.

पीएम बायरू के खिलाफ लोगों में गुस्सा 

प्रदर्शनकारियों ने पेरिस में सबकुछ बंद करने का एलान किया था. हालांकि, फ्रांस के आंतरिक मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ के अनुसार,प्रदर्शनकारी अपने मंसूबो में नाकामयाब रहे हैं. यह प्रदर्शन पहले सोशल मीडिया पर शुरू हुआ, जिसके बाद पैरिस में प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा लग गया. ऐसे में 80,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को पैरिस में तैनात किया गया. बैरिकेडिंग तोड़ने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया.

पैरिस में 30 से ज्यादा जगहों पर आगजनी और हिंसा देखने को मिली है. दरअसल फ्रांस के प्रधानमंत्री बायरू ने बजट में 44 अरब यूरो (लगभग 4 लाख करोड़ रुपये) बचाने की योजना पेश की थी, जिसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई और उन्हें अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ गया.

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