सराय काले खां से मोदीपुरम तक 160 की रफ्तार से दौड़ी नमो भारत,NCRTC का ट्रायल पास
ट्रायल के दौरान ट्रेन ने हर स्टेशन पर रुकी और फिर भी इसने पूरे रास्ते को एक घंटे से भी कम समय में तय कर लिया. ये एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि यह भारत की पहली ऐसी ट्रेन है जो इस रफ्तार और आधुनिक तकनीक के साथ पूरी तरह सफलतापूर्वक संचालित हो रही है.

Namo Bharat Train: रविवार को देश के सबसे आधुनिक और तेज़ रैपिड रेल प्रोजेक्ट "नमो भारत ट्रेन" का एक और बड़ा कदम सफलतापूर्वक पूरा हुआ. इस बार यह ट्रेन पहली बार दिल्ली के सराय काले खां से लेकर मेरठ के मोदीपुरम तक पूरे 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर फुल स्पीड ट्रायल रन के लिए चलाई गई. ट्रायल के दौरान ट्रेन ने हर स्टेशन पर रुकी और फिर भी इसने पूरे रास्ते को एक घंटे से भी कम समय में तय कर लिया. ये एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि यह भारत की पहली ऐसी ट्रेन है जो इस रफ्तार और आधुनिक तकनीक के साथ पूरी तरह सफलतापूर्वक संचालित हो रही है.
160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से हुआ ट्रायल, हर स्टेशन पर रुकी ट्रेन
ट्रायल रन के दौरान नमो भारत ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार पर चलाया गया, जो इस कॉरिडोर की डिजाइन स्पीड है. सबसे खास बात यह रही कि ट्रेन हर एक स्टेशन पर रुकी, फिर भी उसने पूरे ट्रैक को निर्धारित समय से भी पहले पार कर लिया. इससे यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में जब ट्रेन नियमित रूप से चलेगी, तो दिल्ली से मेरठ की दूरी सिर्फ कुछ ही मिनटों में तय की जा सकेगी ,जो पहले 2–3 घंटे में तय होती थी.
दुनिया में पहली बार इस्तेमाल हो रही आधुनिक सिग्नलिंग तकनीक
इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी तकनीकी खासियत है कि इसमें ETCS Level 3 हाइब्रिड सिग्नलिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, जिसे दुनिया में पहली बार एलटीई बैकबोन नेटवर्क पर लागू किया गया है. यह एक ऐसा स्मार्ट सिग्नलिंग सिस्टम है जो ट्रेन की हर मूवमेंट को बेहद सटीक ढंग से कंट्रोल करता है. साथ ही, यह सिस्टम प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) के साथ पूरी तरह से समन्वय में काम करता है. इस ट्रायल के दौरान इस पूरी प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया, जिससे साबित होता है कि यह तकनीक पूरी तरह से ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है.
कॉरिडोर का ज्यादातर हिस्सा तैयार, अंतिम चरणों में बचा हुआ कार्य
वर्तमान में नमो भारत ट्रेन का करीब 55 किलोमीटर हिस्सा 11 स्टेशनों के साथ पहले से ही चालू है, जहां पर यात्री सेवाएं दी जा रही हैं. अब जो ट्रायल हुआ, वह मुख्य रूप से दिल्ली के सराय काले खां से न्यू अशोक नगर तक के 4.5 किमी हिस्से और मेरठ के मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक के लगभग 23 किलोमीटर हिस्से पर किया गया. इन दोनों हिस्सों में अभी अंतिम फिनिशिंग और टेस्टिंग का काम चल रहा है, जो जल्दी ही पूरा हो जाएगा,
मेरठ मेट्रो का हिस्सा भी ट्रेन के साथ चला, 13 स्टेशनों का सेक्शन शामिल
ट्रायल के दौरान खास बात ये रही कि मेरठ मेट्रो की ट्रेनें भी नमो भारत ट्रेन के साथ ट्रैक पर चलीं. मेरठ मेट्रो का यह सेक्शन 23 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 13 स्टेशन शामिल हैं. इसमें से 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड (ऊंचाई पर) है जबकि 5 किलोमीटर अंडरग्राउंड यानी भूमिगत बनाया गया है. यह पहली बार हुआ है कि रैपिड रेल और मेट्रो ट्रेनें एक साथ एकीकृत नेटवर्क में चली हों.
जुलाई अंत तक शुरू हो सकता है संचालन, यात्री जल्द कर पाएंगे सफर
मौजूदा जानकारी के अनुसार, जुलाई 2025 के अंत तक पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकता है. इससे पहले, ट्रायल्स और सिक्योरिटी क्लियरेंस का अंतिम दौर जारी रहेगा. यदि सबकुछ योजना के अनुसार चलता है, तो बहुत जल्द दिल्ली से मेरठ के बीच के यात्री महज 50 मिनट में सफर कर पाएंगे, वह भी सुपरफास्ट और अत्याधुनिक रैपिड रेल सेवा के साथ.