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किसी दूसरे देश में आपके साथ हो जाए मारपीट, तो कैसे लें मदद? जानिए पूरा तरीका

विदेश यात्रा जीवन का एक खूबसूरत अनुभव हो सकता है, लेकिन अगर किसी अनहोनी की स्थिति बन जाए, तो घबराने की बजाय समझदारी से काम लेना सबसे बेहतर होता है. सही समय पर पुलिस, दूतावास और बीमा कंपनी से संपर्क कर आप खुद को मुश्किल से बाहर निकाल सकते हैं. इसीलिए हमेशा तैयार रहें, और सुरक्षित यात्रा का आनंद लें.

Help in Foreign Countries: आज के दौर में बहुत से लोगों को अलग-अलग देशों की सैर करने का शौक होता है. कोई नई संस्कृति देखने जाता है, तो कोई छुट्टियों का आनंद लेने। लेकिन कभी-कभी विदेश यात्रा का ये रोमांच किसी बुरे अनुभव में बदल जाता है, जब वहां किसी अनजान जगह पर हमारे साथ कोई अप्रिय घटना, जैसे कि मारपीट या हमला हो जाता है. ऐसे हालात में बहुत सारे लोग घबरा जाते हैं और समझ नहीं पाते कि उन्हें क्या करना चाहिए, कहां जाना चाहिए, किससे मदद लेनी चाहिए.विदेश में ना तो आप लोकल पुलिस को अच्छी तरह जानते हैं, ना वहां की कानून व्यवस्था की पूरी जानकारी होती है, और कई बार तो भाषा भी एक बड़ी दीवार बन जाती है. ऐसे में अगर आपके साथ कोई दुर्घटना होती है, तो घबराने की बजाय समझदारी से काम लेना ही सबसे सही रास्ता है.

सबसे पहले खुद को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं

अगर आपके साथ किसी भी तरह की मारपीट या हमला हुआ है, तो सबसे पहली चीज़ होती है अपनी जान की हिफाज़त. आपको तुरंत उस जगह से हट जाना चाहिए और किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचना चाहिए. कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले ये सुनिश्चित करें कि आप और आपके साथी सुरक्षित हैं.ऐसे में अगर आपके साथ कोई किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो घबराने की बाजार समझदारी से काम लेना ही सबसे सही रास्ता है. ऐसे में अगर आपके  साथ कोई दुर्घटना होती है, तो घबराने की बजाय समझदारी से काम लेना ही सबसे सही रास्ता है.

लोकल पुलिस से संपर्क करें और रिपोर्ट दर्ज करवाएं

सुरक्षित होने के बाद अगला कदम है ,स्थानीय पुलिस से संपर्क करना.भले ही भाषा की थोड़ी बहुत समस्या हो, लेकिन ज्यादातर देशों में पुलिस को आपकी समस्या समझाने का कोई न कोई रास्ता ज़रूर मिलेगा. वहां जाकर आप पूरी घटना को विस्तार से बताएं और FIR या पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवाएं.

ये रिपोर्ट आगे चलकर आपके लिए बेहद जरूरी साबित होगी, खासकर अगर आपको बीमा क्लेम करना हो या फिर किसी कानूनी प्रक्रिया में मदद लेनी हो.

भारतीय दूतावास या कांसुलेट से लें मदद

किसी भी विदेशी देश में भारत का दूतावास (Embassy) या कांसुलेट (Consulate) आपके लिए सबसे बड़ा सहारा होता है. हर दूतावास में एक इमरजेंसी हेल्पडेस्क होता है, जो भारतीय नागरिकों को संकट के समय पूरी मदद देता है. आप वहां फोन करके अपनी स्थिति बता सकते हैं, ईमेल भेज सकते हैं या सोशल मीडिया के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं.

दूतावास की मदद से आपको कई सुविधाएं मिल सकती हैं:

कानूनी सलाह
मेडिकल सहायता
भाषा समझने के लिए ट्रांसलेटर
और जरूरी दस्तावेजों की प्रक्रिया में मार्गदर्शन

दूतावास के पास कई बार ऐसे वकीलों और डॉक्टरों की लिस्ट होती है जो भारतीय यात्रियों की सहायता करते हैं.

बीमा कंपनी को जानकारी दें

1.अगर आपने यात्रा से पहले ट्रैवल इंश्योरेंस लिया हुआ है, तो ये आपके लिए एक बड़ी राहत हो सकती है.

2. घटना के तुरंत बाद आपको अपनी बीमा कंपनी को कॉल करना चाहिए और उन्हें सारी स्थिति की जानकारी देनी चाहिए.

हर बीमा पॉलिसी में एक इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर होता है. आप उनसे संपर्क करें और स्पष्ट रूप से बताएं कि क्या हुआ है. इसके साथ-साथ आपको ये दस्तावेज भी संभालकर रखने होंगे:

1.पुलिस रिपोर्ट की कॉपी

2. मेडिकल बिल्स

3. अस्पताल की रिपोर्ट या स्लिप

4. कोई और खर्चों से जुड़ी रसीदें

इन सभी कागजातों की मदद से आप बीमा क्लेम आसानी से कर सकते हैं...

घबराएं नहीं, समझदारी से काम लें

सबसे ज़रूरी बात ये है कि ऐसी किसी भी आपातकालीन स्थिति में घबराएं नहीं. डर और घबराहट आपकी स्थिति को और मुश्किल बना सकती है. आपको शांत दिमाग से सोचकर अगले कदम उठाने हैं. अगर आपके पास परिवार या दोस्त हैं जो भारत में हैं, तो उन्हें भी स्थिति की जानकारी दें ताकि वो भी दूतावास या संबंधित विभागों से आपकी मदद करवा सकें.

यात्रा से पहले की सावधानियां

ऐसी किसी स्थिति से बचने के लिए यात्रा पर निकलने से पहले कुछ जरूरी सावधानियां बरतें:

1.ट्रैवल इंश्योरेंस जरूर लें

2. भारतीय दूतावास का पता, फोन नंबर और ईमेल नोट कर लें

3. अपने जरूरी दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी ऑनलाइन सेव रखें

4. लोकल इमरजेंसी नंबर याद रखें

5. भाषा का थोड़ा ज्ञान होना फायदेमंद रहेगा

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