शादी करते ही कपल्स को मिलते हैं 2.5 लाख रुपए, क्या सरकार की इस बड़ी स्कीम के बारे में जानते हैं आप?
भारत में शादियां किसी बड़े इवेंट से कम नही हैं. इस इवेंट में बेहिसाब खर्चा होता है, लेकिन क्या आपको पता है शादी करने में केवल खर्चा होता ही नहीं बल्कि खर्चा मिलता भी है.
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देश में हर साल लाखों शादियां होती हैं. नंवबर-दिसंबर महीने में ही 10 लाख से ज्यादा शादियां होती हैं. भारत में हमेशा से शादी बड़ा इवेंट रहा है जो केवल दो परिवारों तक नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए सोशल स्टेटस सिंबल माना जाता है. इसलिए शादियों में खर्चा भी बेहिसाब होता है लेकिन क्या आपको पता है शादी करने में केवल खर्चा होता ही नहीं बल्कि खर्चा मिलता भी है.
कपल के फायदे की यह एक ऐसी योजना है जिसके तहत शादी करने पर कपल्स को 2.5 लाख तक की राशि मिलती है. इस स्कीम का फायदा किसे मिल सकता है और क्या-क्या शर्तें होती हैं? जानते हैं.
सबसे पहले जानते हैं क्या है ये स्कीम?
इस योजना का नाम डॉक्टर अंबेडकर स्कीम (Dr. Ambedkar Scheme for Social Integration through Inter-Caste Marriages) है. इस योजना का फायदा अंतर्जातीय विवाह करने वालों को मिलता है. इस योजना को डॉ अंबेडकर फाउंडेशन की तरफ से चलाया जाता है. इस योजना का लाभ कपल्स को तभी मिलेगा, जब कोई लड़का या लड़की किसी दलित वर्ग के लड़का या लड़की से शादी करता है. बशर्ते इनमें से एक पक्ष दलित समुदाय का न हो. मतलब युवक दलित वर्ग से नहीं है और वह किसी दलित वर्ग की लड़की से शादी करता है तो उसे इस स्कीम के तहत राशि मिलेगी. कपल को 2.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. यह योजना 2013 में कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुई थी जो आज भी जारी है.
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वहीं, इस स्कीम का लाभ केवल पहली शादी पर मिलता है. साथ ही साथ शादी को हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत रजिस्टर्ड करवाना भी जरूरी है. दलित समुदाय वाले पार्टनर का जाति प्रमाण पत्र भी देना होता है. इसके साथ ही कानूनी रूप से विवाहित होने का हलफनामा, इनकम प्रूफ और जॉइंट बैंक अकाउंट की डिटेल्स भी जरूरी है.
कैसे करें आवेदन?
शादी के एक साल के अंदर इस योजना के लिए आवेदन करना पड़ता है. डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को एप्लिकेशन भेजकर योजना के लिए रजिस्टर्ड करवाना पड़ता है. इसमें एक और ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि अगर कपल को किसी और योजना (राज्य या केंद्र से जुड़ी) का लाभ मिल चुका है तो उस स्कीम की राशि इन 2.5 लाख रुपए से घटा दी जाती है. वहीं, योजना के 2.5 लाख रुपये में से 1.5 लाख रुपये नेफ्ट RTGS के जरिए कपल्स के जॉइंट खाते में भेजे जाते हैं, जबकि बाकी 1 लाख रुपये 3 साल के लिए FD में रखे जाते हैं. फिर 3 साल बाद ब्याज के साथ यह राशि कपल्स को दी मिलती है. इच्छुक लोग आवेदन जिला प्रशासन या राज्य सरकार के माध्यम से भी अंबेडकर फाउंडेशन को भेज सकते हैं. इसके अलावा इस योजना की सारी जानकारी ambedkarfoundation.nic.in पर दी गई है.
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