दिल्ली सरकार की लाड़ली योजना में आवेदन शुरू, जानिए कैसे और कितना मिलेगा फायदा
दिल्ली लाड़ली योजना सरकार की उन योजनाओं में से एक है जो जमीनी स्तर पर प्रभाव डाल रही है. यह योजना यह साबित करती है कि यदि सही नीतियां और प्रभावी क्रियान्वयन हो, तो सामाजिक बदलाव संभव है. आज जब लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, तो ऐसी योजनाएं उन्हें और अधिक सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं.

Ladli Yojana: भारत में बेटियों को लेकर सामाजिक सोच में बदलाव लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत हैं। इन्हीं प्रयासों की एक मिसाल है दिल्ली सरकार की 'लाड़ली योजना', जिसका उद्देश्य न केवल बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उनकी शिक्षा और आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाना भी है. इस योजना से दिल्ली की हजारों बेटियों को न सिर्फ सम्मान मिला है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है.
क्या है दिल्ली की लाड़ली योजना?
दिल्ली लाड़ली योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2008 को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा की गई थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों के जन्म को सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाना और उनकी स्कूली शिक्षा को आर्थिक सहायता प्रदान कर मजबूती देना है। यह योजना खासकर उन परिवारों के लिए राहत लेकर आई है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बेटी के जन्म व पढ़ाई को बोझ समझते थे. इस योजना के तहत, बेटी के जन्म पर ₹10,000 से ₹11,000 की राशि सीधे उसकी नाम पर जमा की जाती है. इसके बाद जब वह कक्षा पहली, छठी, नौंवी, 11वीं और 12वीं में प्रवेश करती है, तो हर बार उसे ₹5000 की राशि अतिरिक्त रूप से मिलती है. यह सारी राशि स्टेट बैंक लाइफ इंश्योरेंस (SBIL) के माध्यम से निवेश की जाती है, ताकि समय के साथ इसका मूल्य और ब्याज बढ़ सके.
जब लड़की 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेती है और उसने 10वीं की परीक्षा पास कर ली होती है, तो वह यह संपूर्ण राशि ब्याज सहित निकाल सकती है. यह पैसे उसकी उच्च शिक्षा, करियर या किसी भी निजी उद्देश्य के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार बन सकते हैं.
योजना का उद्देश्य और सामाजिक प्रभाव
लाड़ली योजना सिर्फ एक आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक बदलाव लाने की कोशिश भी है. भारत में अभी भी कई जगहों पर बेटियों को बोझ समझा जाता है, और इसी मानसिकता को बदलने के लिए यह योजना अहम भूमिका निभा रही है. योजना का मकसद यह भी है कि लड़कियों को कम उम्र में विवाह से रोका जा सके और उन्हें पढ़ाई के जरिए आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
इस योजना ने अब तक हजारों लड़कियों और उनके परिवारों की सोच को बदला है. इससे बालिकाओं की स्कूल में उपस्थिति दर में सुधार हुआ है और उनके ड्रॉपआउट रेट में कमी आई है. यह दिल्ली सरकार की ओर से महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस पहल मानी जाती है.
लाड़ली योजना में कैसे करें आवेदन?
दिल्ली लाड़ली योजना में आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1.सबसे पहले दिल्ली सरकार के e-District पोर्टल पर जाएं:http://edistrict.delhigovt.nic.in/
2. Citizen Corner में जाकर "New User" पर क्लिक करें.
3. फिर आधार कार्ड विकल्प को चुनें और अपना आधार नंबर दर्ज करें.
4. उसके बाद कैप्चा कोड भरें और Declaration पर टिक करके "Continue" बटन पर क्लिक करें.
5. लॉगिन के बाद आवेदन फॉर्म भरें और मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें.
आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:
बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र
माता-पिता का पहचान पत्र
निवास प्रमाण पत्र
स्कूल में दाखिले का प्रमाण
पासपोर्ट साइज फोटो
ऑफलाइन आवेदन के लिए स्कूल या महिला एवं बाल विकास विभाग के ज़रिए फॉर्म प्राप्त किया जा सकता है, जिसे भरकर संबंधित कार्यालय में जमा करना होता है.
दिल्ली लाड़ली योजना सरकार की उन योजनाओं में से एक है जो जमीनी स्तर पर प्रभाव डाल रही है. यह योजना यह साबित करती है कि यदि सही नीतियां और प्रभावी क्रियान्वयन हो, तो सामाजिक बदलाव संभव है. आज जब लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, तो ऐसी योजनाएं उन्हें और अधिक सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं.