मंदसौर में अनोखी शवयात्रा: दोस्त की आख़िरी इच्छा पूरी करने के लिए झूमे लोग, डांस करते हुए दी अंतिम विदाई
सोहनलाल के निधन के बाद, उनके दोस्तों ने उनकी अंतिम इच्छा को गंभीरता से लिया और उनकी शवयात्रा को एक यादगार पल में बदल दिया. मित्र अंबालाल प्रजापत समेत अन्य लोगों ने शवयात्रा के दौरान बैंड-बाजे के साथ जमकर डांस किया और अपने प्रिय दोस्त को खुशियों के साथ अंतिम विदाई दी.

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मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक दिल छू लेने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शवयात्रा में लोग गमगीन माहौल के बजाय नाचते-गाते नजर आए. यह कोई आम अंतिम यात्रा नहीं थी, बल्कि एक दोस्त की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए निकाली गई अनोखी विदाई थी. जहाँ एक दोस्त ने अपने दोस्त से किया वादा पूरा किया.
दोस्त की शवयात्रा में नाचे लोग
मामला मंदसौर के ग्राम जवासिया का है, जहां सोहनलाल जैन नामक व्यक्ति ने मृत्यु से पूर्व अपने मित्रों को एक पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने यह निवेदन किया था कि उनकी अंतिम यात्रा गम के बजाय खुशी का माहौल हो, और बैंड-बाजे की धुन पर डांस कर उन्हें विदा किया जाए. और अगर उनसे जाने अनजाने में कोई गलती हो गयी हो तो उन्हें माफ़ कर दें.
बैंड-बाजे के साथ अपने दोस्त को दी अंतिम विदाई
सोहनलाल के निधन के बाद, उनके दोस्तों ने उनकी अंतिम इच्छा को गंभीरता से लिया और उनकी शवयात्रा को एक यादगार पल में बदल दिया. मित्र अंबालाल प्रजापत समेत अन्य लोगों ने शवयात्रा के दौरान बैंड-बाजे के साथ जमकर डांस किया और अपने प्रिय दोस्त को खुशियों के साथ अंतिम विदाई दी. इस अनोखी अंतिम यात्रा की चर्चा हर तरफ हो रहा है जहाँ लोग लोग बोल रहे है दोस्त हो तो ऐसा जो अपने दोस्त के इस दुनिया से जाने के बाद भी उससे किया वादा पूरा कर रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
अंतिम यात्रा में डांस करना कह कर गए थे सोहनलाल जैन
मन्दसौर :- जवासिया ग्राम में एक दोस्त ने दोस्त से किया वादा पूरा किया, उसकी अंतिम यात्रा में डांस करना कह कर गए थे सोहनलाल जैन, आज अंबालाल प्रजापत ने अपने दोस्त की शव यात्रा के सामने किया डांस। pic.twitter.com/Ki7IBUjnKJ— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) July 31, 2025यह भी पढ़ें
इस अनोखी शवयात्रा का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जहां कुछ लोग इसे एक सकारात्मक और मानवीय पहल बता रहे हैं, वहीं कई इसे परंपराओं से हटकर एक प्रेरणादायक उदाहरण मान रहे हैं. इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सच्ची दोस्ती न सिर्फ जीवन में साथ निभाती है, बल्कि मृत्यु के बाद भी दोस्त की आख़िरी ख्वाहिश को पूरा करने से पीछे नहीं हटती.
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