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ये 'बाहुबली' फिल्म का नहीं, प्रयागराज का सीन है… कमर से ऊपर तक भरे पानी में बच्चे को सिर पर रखकर चल पड़े माता-पिता, VIDEO वायरल

बीती रात एक दर्दनाक मंजर देखने को मिला. जब किसी तरह की मदद नहीं मिली, तो एक परिवार ने खुद ही नवजात शिशु और उसकी मां को बचाने की जिम्मेदारी उठाई. बच्चे को हाथों पर सिर के ऊपर उठा लिया गया और मां को कंधे पर बिठाकर पानी से घिरे इलाके से धीरे-धीरे बाहर निकाला गया. Video Viral

Uttar Pradesh समेत पूरे देश में जोरदार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से यूपी की कई नदियां उफान पर हैं. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है और बाढ़ का पानी कछारी इलाकों के घरों के अंदर तक पहुंच गया है.

शनिवार रात अचानक जब लोग नींद से जागे, तो देखा कि घर के अंदर तक पानी भर चुका है. चारों तरफ बस पानी ही पानी नजर आ रहा है. लोगों के पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा. ऐसे में वे अपना सामान छोड़कर सिर्फ जान बचाने के लिए ऊंचे इलाकों की ओर जा रहे हैं. 

प्रयागराज का सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है छोटा बघाड़ा, जो तराई क्षेत्र में आता है. यहां बाढ़ का असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की संख्या इतनी ज्यादा है कि सभी को समय पर मदद नहीं मिल पा रही है.

ये है Real Life ‘Bahubali’…
बीती रात एक दर्दनाक मंजर देखने को मिला. जब किसी तरह की मदद नहीं मिली, तो एक परिवार ने खुद ही नवजात शिशु और उसकी मां को बचाने की जिम्मेदारी उठाई. बच्चे को हाथों पर सिर के ऊपर उठा लिया गया और मां को कंधे पर बिठाकर पानी से घिरे इलाके से धीरे-धीरे बाहर निकाला गया. 
जिसने भी ये दृश्य देखा, उसकी जुबान पर एक ही बात थी— "गंगा मैया अब तो रहम करो!" इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इस बाढ़ग्रस्त मोहल्ले का निरीक्षण करने कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी पहुंचने वाले हैं.

गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ा
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. शनिवार को पानी का लेवल 84.734 मीटर से ऊपर पहुंच गया. इस बाढ़ की वजह से शहर के 24 से ज्यादा मोहल्लों में पानी भर गया है और हज़ारों घर जलमग्न हो चुके हैं. लगभग 3,000 लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं और अब राहत शिविरों में रह रहे हैं. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है. 12 नावें और NDRF की टीमें मौके पर तैनात की गई हैं ताकि लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.

 

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