राजस्थानी लड़की ने खोली सरकारी दावों की पोल, विधायक से लेकर CM तक को सुनाई खरी-खोटी!
Rajasthan की एक छात्रा का Video जमकर Viral हो रहा है. जिसमें छात्रा ने न केवल सरकार के दावों की हकीकत बयां की. बल्कि माननीयों की क्लास भी लगा दी. छात्रा के इस Video से Rajasthan से लेकर Delhi तक हलचल मच गई.
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पानी से लबालब सड़के…नाव चलाते बच्चे…जलभराव से गुजरती स्कूली छात्रा…ये तस्वीरें हैं राजस्थान के सीकर ज़िले की…जहां हर मानसून की तरह इस बार भी कुछ नहीं बदला…वही मानसूनी बारिश…वही आफत…वही हवा हवाई बातें…वादे…और दावों की पोल खोलते ये नजारे…इन तस्वीरों के बीच सबसे ज़्यादा चर्चा में है एक स्कूली छात्रा का वीडियो…जिसमें छात्रा ने न केवल सरकार के दावों की हकीकत बयां की. बल्कि माननीयों की क्लास भी लगा दी. छात्रा के इस वीडियो से राजस्थान से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई. पूरी कहानी क्या है बताएं उससे पहले आप भी छात्रा का ये वीडियो देखिए.
देखिए ये है अपने गांव का विकास. यहां बरसात वाली नदियां भरी हैं. चुनाव के समय नेता यहां 10 चक्कर काटते हैं लेकिन अब उन्हें पता ही नहीं गांव में क्या क्या हो रहा है. इनके आगे पीछे घूमते लोगों की भीड़ नारे लगाती है नेताजी तुम संघर्ष करो. हम तुम्हारे साथ हैं. अरे किस बात का संघर्ष वो वहां AC में बैठे हैं. असली संघर्ष तो हमें करना पड़ता है. ये बात हमें कब समझ आएगी. विकास के नाम पर ये खटारा जनरेटर यहां रख रखा है. जो ना तो चलता है ना हिलता है. नेताजी के भरोसे तो कोई मरे कोई जिए. नेताजी तुम मौज करो हम तुम्हारे साथ हैं
वीडियो सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ के गाडोदा गांव का है. यहां बारिश के बाद हुए जलभराव ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. गांव की हर बार की इसी समस्या को उजागर करती ये छात्रा शिवानी है. जो जलभराव से गुजरते हुए स्कूल जा रही है. साथ ही बता रही है कैसे बारिश के बीच लोगों को इस समस्या से दो चार होना पड़ता है. शिवानी ने अपने वीडियो में गांव की बदहाल स्थिति को बयां किया. अपने कटाक्ष से शिवानी ने स्थानीय विधायक गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर CM भजनलाल तक को आईना दिखाया. शिवानी ने जलभराव से गुजरते हुए कहा कि, यही है वह विकास, जिसका वादा हमसे किया गया था…थोड़ी सी बारिश में हमारा गांव नदी में बदल जाता है…शिवानी ने व्यंग्यात्मक लहजे में नेताओं की अनदेखी पर सवाल उठाए…
अपने वीडियो में शिवानी ने एक और बड़ी समस्या की ओर ध्यान दिलाया…जो जलभराव से भी बड़ी समस्या है…वो है जलभराव के बीच झूलते बिजली के तार…ट्रांसफार्मर..ख़राब पड़े जनरेटर…शिवानी ने समझाा..कैसे बिजली विभाग की ये लापरवाही लोगों की जान जोखिम में डाल सकती है…शिवानी ने कहा, नेताजी के भरोसे चाहे कोई मरे, चाहे कोई जिए, वे तो मौज करते हैं…नेताजी तुम मौज करो हम तुम्हारे साथ हैं.
आपको बता दें कि गाडोदा गांव राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ से लगातार चार बार विधायक रहे. गोविंद सिंह डोटासरा के निर्वाचन क्षेत्र में आता है, लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से गोविंद सिंह डोटासरा 2003 से लगातार विधायक हैं. जबकि सीकर लोकसभा सीट से सांसद CPIM के अमराराम हैं, जो कांग्रेस समर्थित हैं.
एमपी कम्यूनिस्ट पार्टी के…विधायक कांग्रेस के…सरकार BJP की…लेकिन वीडियो देख आपको अंदाज़ा तो हो ही गया होगा कितना विकास हुआ है…कितनी नालियां बनी हैं…सड़क के गड्डे कितने भरे हैं…बिजली के झूलते तार कितने कसे हैं…वीडियो गांव के दयनीय हालातों को बयां करने के लिए काफ़ी है…
तीन पार्टियों के शासन में सीकर जिला खिचड़ी बनकर रह गया है. ऐसे में सीकर की छात्रा शिवानी ने ज़िम्मेदारों पर तंज कसा तो वीडियो ने सबका ध्यान खींचा…ये पहली बार नहीं है जब गाड़ोदा गांव बारिश के बाद जलमग्न हुआ है…हर बार बारिश के बाद यहां आलम कुछ ऐसा ही होता है. ग्रामीणों का कहना है कि
बारिश का मौसम शुरू होते ही उनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं और स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, मेन रोड जो स्कूलों और श्मशान घाट को जोड़ती है, पूरी तरह डूब जाती है, जिससे छात्रों का स्कूल जाना बंद हो जाता है ग्रामीणों का काम पर जाना बंद हो जाता है
घुटनों से ऊपर आते पानी में स्कूली बच्चे, आम लोग कैसे अपने रोज़मर्रा के काम करते हैं…अपने वीडियो में शिवानी ने इसी बदहाली को बयां किया है. और आईना दिखाया नेताओं को…जो चुनाव में तो दसियों बार आकर चक्कर काटते हैं लेकिन बदहाली के टाइम रफूचक्कर हो जाते हैं..शिवानी ने तो केवल एक गांव की तस्वीर बयां की है. लेकिन बारिश के मौसम में ज़्यादातर गाँवों का ये ही हाल होता है…बहरहाल शिवानी का ये वीडियो लोगों के बीच तो चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन सिस्टम और सिस्टम को चलाने वाले नींद से जागेंगे इसकी गुंजाइश तो कम ही है. ऐसे में इरतिजा निशात का ये शेर सरकारी तंत्र पर सटीक बैठता है…कुर्सी है तुम्हारा ये जनाजा तो नहीं है। कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते.
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