अहमदाबाद रथ यात्रा में बेकाबू हुआ हाथी, लोगों के बीच मची अफरातफरी, VIDEO वायरल
अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान खड़िया गोलावद के पास भीड़ देखकर एक हाथी बेकाबू हो गया, जिससे अफरातफरी मच गई. बेकाबू हाथी को दौड़ता देख लोग बचने के लिए इधर-उधर दौड़ते दिखे.

अहमदाबाद में 148वीं जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जा रही है. इसी बीच इसमें हिस्सा लेने वाला एक हाथी अचानक बेकाबू हो गया, बताया जा रहा है कि हाथी डीजे की तेज आवाज से बेकाबू होकर इधर-उधर दौड़ने लगा. इसके बाद तीन हाथी एक पल में विचलित हो गए और एक पुल के नीचे घुस गए, और दो अन्य रास्ते से हट गए. ये सब देख आसपास के लोगों में भी अफरातफरी का माहौल बन गया. हालांकि, अंत में महावतों ने हाथी को काबू में कर लिया. जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया.
दो लोग हुए घायल
हालांकि कहा ये जा रहा है कि इस दौरान दो युवक घायल हो गए. घायल युवकों को 108 एंबुलेंस के जरिए इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है. अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान खड़िया गोलावड़ के पास लोगों की भीड़ को देखकर हाथी बेकाबू हुआ था.
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पुरी के बाद अहमदाबाद में दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा
आपको बता दें कि अहमदाबाद रथयात्रा ओडिशा के पुरी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी और ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ रथ मानी जाती है. 148वीं यह रथ यात्रा शुक्रवार सुबह 7 बजे जमालपुर स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से प्रारंभ हुई और पूरे दिन भक्ति और श्रद्धा की लहरें बिखेरते हुए रात 8:30 बजे मंदिर में सम्पन्न हुई.
अहमदाबाद में निकलती है 18 किलोमीटर लम्बी यात्रा
18 किलोमीटर लंबे इस यात्रा मार्ग में रथों का काफिला अहमदाबाद के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक इलाकों से गुजरा जमालपुर से शुरू होकर रायपुर, कालुपुर, शाहपुर, दरियापुर, मोसल सरसपुर, प्रेम दरवाजा, दिल्ली चकला और माणेक चौक तक पहुंचा. हर मोड़ पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़, फूलों की वर्षा, और ‘जय जगन्नाथ’ के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय बना रहा.
भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की सजे-धजे रथों में सवारी के साथ यह यात्रा एक चलती-फिरती आध्यात्मिक झांकी जैसी दिखाई दी. रथों को खींचने का सौभाग्य पाने के लिए हजारों श्रद्धालु जुटे, जिन्हें यह सेवा पुण्य का कार्य मानते हैं.
रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. हजारों पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी, मेडिकल टीमें और वालंटियर्स इस ऐतिहासिक आयोजन को शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित बनाने में तैनात रहे.
इस यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है. यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि लोगों की आस्था, समुदाय की एकता और भक्ति का पर्व है. अहमदाबाद में यह रथ यात्रा हर वर्ष सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बनकर उभरती है, जहां हर धर्म, वर्ग और आयु के लोग मिलकर इसमें भाग लेते हैं.