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छत्तीसगढ़: टेरर फंडिंग केस में NIA का बड़ा एक्शन, माओवादी संगठन के 3 सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

NIA ने छत्तीसगढ़ में नक्सली फंडिंग से जुड़े एक मामले में तीन माओवादी सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये तीनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) से जुड़े हैं, जिसे अक्टूबर 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित किया था.

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छत्तीसगढ़ में नक्सली फंडिंग से जुड़े एक मामले में तीन माओवादी सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये तीनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) से जुड़े हैं, जिसे अक्टूबर 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित किया था. यह मामला माओवादी संगठनों की वित्तीय जड़ों को उखाड़ फेंकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

पहले ही हो चुकी है माओवादियों को गुरफ्तारी

कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में आरोपियों के नाम गजेंद्र माड़वी, लक्ष्मण कुंजम और रघु मिडियामी हैं. ये सभी पहले से ही इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इन पर नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) के लिए आर्थिक सहायता जुटाने, उसे इकट्ठा करने और वितरित करने का आरोप है.
यह मामला आरसी-02/2023/NIA/रायपुर के तहत दर्ज है और इसकी शुरुआत मार्च 2023 में बीजापुर पुलिस की कार्रवाई से हुई थी. उस समय गजेंद्र माड़वी और लक्ष्मण कुंजाम नामक दो ओवरग्राउंड वर्कर्स को बीजापुर जिले में 6 लाख रुपए नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था. वे यह राशि विभिन्न बैंक खातों में जमा करने जा रहे थे, जैसा कि उन्हें सीपीआई (माओवादी) के नेताओं द्वारा निर्देशित किया गया था.

2024 में NIA के हाथ गई जांच

इसके बाद, इस मामले की जांच फरवरी 2024 में NIA ने अपने हाथ में ली. जांच में सामने आया कि तीसरा आरोपी रघु मिडियामी, जो मूलवासी बचाओ मंच के बस्तर डिविजन का अध्यक्ष था, इस पूरे फंडिंग नेटवर्क का प्रमुख संचालक था.
NIA की जांच के अनुसार, रघु मिडियामी न केवल फंड इकट्ठा करता था, बल्कि उसका भंडारण और वितरण भी करता था. इन पैसों का इस्तेमाल माओवादी संगठन द्वारा सुरक्षा कैंपों की स्थापना का विरोध करने और सरकारी विकास योजनाओं को बाधित करने जैसी गतिविधियों के लिए किया जाता था.
NIA ने बताया कि ये अवैध फंडिंग मूलवासी बचाओ मंच जैसे फ्रंटल संगठनों के जरिए माओवादी संगठन को भेजी जाती थी और रघु मिडियामी स्थानीय स्तर पर फंड वितरित करने में नोडल व्यक्ति की भूमिका निभा रहा था.
NIA ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और अन्य सहयोगियों और फंडिंग नेटवर्क से जुड़े लोगों की पहचान और कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है.

 

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