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मुकेश अंबानी और Facebook ने मिलकर एआई सेक्टर में बड़े कदम उठाए, साझेदारी में भारत में बनेगी नई एंटरप्राइज-एआई कंपनी

मुकेश अंबानी की कंपनी Reliance Industries ने Meta के साथ मिलकर एआई सेक्टर में एक नई साझेदारी की है. इस ज्वाइंट वेंचर में फेसबुक की ओर से 30 % हिस्सेदारी ली गई है, जबकि रिलायंस की ओर से 70 % हिस्सेदारी होगी. शुरुआत में लगभग ₹855 करोड़ का निवेश तय हुआ है. इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियाँ मिलकर एंटरप्राइज (व्यावसायिक) एआई समाधान तैयार करेंगी, जिससे भारत में एआई टेक्नोलॉजी का विस्तार और तेज़ होगा.

26 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
07:19 AM )
मुकेश अंबानी और Facebook ने मिलकर एआई सेक्टर में बड़े कदम उठाए, साझेदारी में भारत में बनेगी नई एंटरप्राइज-एआई कंपनी

भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी फेसबुक ओवरसीज इंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है. इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां मिलकर एआई आधारित एंटरप्राइज सॉल्यूशंस विकसित करेंगी, जो भारतीय व्यवसायों और सरकारी संस्थाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए जाएंगे. यह सौदा रिलायंस की डिजिटल और टेक्नोलॉजी विस्तार रणनीति का हिस्सा है.

कोई सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं

रिलायंस ने 24 अक्टूबर 2025 को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड के माध्यम से एक नई कंपनी का गठन किया है, जिसका नाम रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (आरईआईएल) है. इस संयुक्त उद्यम में रिलायंस इंटेलिजेंस की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत होगी, जबकि फेसबुक ओवरसीज की 30 प्रतिशत. स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में आरआईएल ने बताया कि कोई सरकारी या नियामक मंजूरी की आवश्यकता नहीं पड़ी है. यह कंपनी एआई सेवाओं के विकास, विपणन और वितरण पर केंद्रित होगी.

855 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी

दोनों कंपनियों ने आरईआईएल में शुरुआती संयुक्त निवेश के रूप में 855 करोड़ रुपये (लगभग 100 मिलियन डॉलर) प्रतिबद्ध किए हैं. यह निवेश एआई प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस (PaaS) के निर्माण में लगाया जाएगा, जो संगठनों को जेनरेटिव मॉडल्स को कस्टमाइज और तैनात करने की सुविधा देगा. रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त 2025 के वार्षिक शेयरधारक सम्मेलन में इस साझेदारी का जिक्र किया था, जहां उन्होंने एआई को रिलायंस के 'डीप-टेक एंटरप्राइज' रूपांतरण का केंद्र बताया.

भारतीय एआई इकोसिस्टम को मजबूत बनाना

यह साझेदारी मेटा के ओपन-सोर्स एआई मॉडल्स (जैसे लामा) का उपयोग करके 'सॉवरेन, एंटरप्राइज-रेडी एआई' प्लेटफॉर्म विकसित करने पर केंद्रित है. आरईआईएल विभिन्न उद्योगों जैसे बिक्री, मार्केटिंग, आईटी ऑपरेशंस, ग्राहक सेवा और वित्त के लिए पूर्व-कॉन्फ़िगर्ड एआई समाधान प्रदान करेगा. रिलायंस का लक्ष्य भारत में राष्ट्रीय स्तर की एआई इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है, जिसमें जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ पिछली साझेदारी (2020 में फेसबुक ने 9.99% हिस्सेदारी ली थी) को मजबूत किया जाएगा. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इसे भारत के एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी लैंडस्केप में गहरी रणनीतिक प्रवेश बताया है.

गूगल के साथ भी साझेदारी

यह सौदा रिलायंस की व्यापक एआई रणनीति का हिस्सा है. अगस्त 2025 में ही मुकेश अंबानी ने गूगल क्लाउड के साथ साझेदारी की घोषणा की थी, जो जामनगर डेटा सेंटर में एआई टेक्नोलॉजी तैनात करेगी. रिलायंस इंटेलिजेंस वैश्विक शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और डिजाइनरों को आकर्षित कर एआई इनोवेशन को तेज करेगी. कंपनी का मानना है कि एआई फैक्टरियों को अनुकूली उत्पादन प्रणालियों, वेयरहाउस को स्वायत्त सप्लाई चेन और अस्पतालों को प्रिसिजन केयर सेंटर्स में बदल देगा.

बाजार पर प्रभाव

घोषणा के बाद रिलायंस के शेयरों में 2-3% की तेजी देखी गई, क्योंकि निवेशक एआई क्षेत्र में कंपनी की मजबूती को सकारात्मक मान रहे हैं. रिलायंस जियो के आईपीओ की तैयारी के बीच यह साझेदारी कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का एआई बाजार 2025 तक 17 बिलियन डॉलर का हो चुका है, और यह साझेदारी स्थानीय व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी. यह साझेदारी न केवल रिलायंस और मेटा के लिए बल्कि पूरे भारतीय एआई इकोसिस्टम के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी. अधिक अपडेट्स के लिए बने रहें.

 

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