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खिलाड़ियों के लिए उत्तराखंड के सीएम का बड़ा ऐलान! दो-दो सौग़ात देने जा रहे धामी

हाल ही में सीएम धामी ने खिलाड़ियों को सौगात देने का फैसला किया, सबसे बड़ी बात सौगात भी एक नहीं बल्कि दो दो। जी हां, सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यकाल के पांचवें साल लगभग हर वर्ग को ख़ुशी से झूमने पर मजबूत कर देना चाह रहे हैं, तभी तो पहले महिलाओं के लिए जलसखी योजना और फिर खिलाड़ियों के लिए भी दो दो बड़े फैसले।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर मोर्चे पर सफल मुख्यमंत्री के तौर पर नज़र आते हैं.ये बात हवा हवाई नहीं है, अगर आपको यक़ीं नहीं होता तो आप उनके सोशल मीडिया अकाउंटस को उठाकर देख सकते हैं, दरअसल ये वो प्लेटफ़ॉर्म हैं जहां पर सीएम धामी अपनी सरकार द्वारा उठाए जा रहे एक एक कदम की जानकारी देते हैं.ज़ाहिर है प्रदेश का मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता के लिए क्या कर रहा है और क्या नहीं ये पता तो होना चाहिये ही ? इसीलिए सीएम धामी एक एक कर सारी जानकारी देते हैं.

हाल ही में सीएम धामी ने खिलाड़ियों को सौगात देने का फैसला किया, सबसे बड़ी बात सौगात भी एक नहीं बल्कि दो दो.जी हां, सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यकाल के पांचवें साल लगभग हर वर्ग को ख़ुशी से झूमने पर मजबूर कर देना चाह रहे हैं, तभी तो पहले महिलाओं के लिए जलसखी योजना और फिर खिलाड़ियों के लिए भी दो दो बड़े फैसले.

पहली सौग़ात हल्द्वानी में खेल यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई है जबकि दूसरी सौग़ात प्रदेश के 23 खेल एकेडमी खोलने को लेकर है.आइये इन्हीं को विस्तार से समझिये.

सिर्फ़ यही नहीं ख़बर ये भी है कि ऊधम सिंह नगर के खटीमा में चकरपुर स्टेडियम में एक बोर्डिंग बॉक्सिंग एकेडमी की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है.इसकी घोषणा 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान की गई थी, और यह खिलाड़ियों को विशेष रूप से बॉक्सिंग में प्रशिक्षण के लिए समर्पित होगी.

आपको बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में खिलाड़ियों के लिए औप भी दो महत्वपूर्ण सौगातें दी थी जिनमें बहरहाल धामी सरकार ने सौग़ात सिर्फ़ खिलाड़ियों को ही नहीं दी बल्कि हाल ही में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जलसखी योजना की भी शुरूआत की है.

जलसखी योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका मक़सद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना.इसी के साथ जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को बढ़ावा देना है.इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को "जल सखी" के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो जल आपूर्ति से संबंधित काम, जैसे पानी के बिलों का वितरण, वसूली, और जल कनेक्शनों की देखरेख, में सहायता करेंगी.

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