Advertisement

योगी की तर्ज पर धामी ने चल दिया खेल बदलने वाला दांव, दुनिया में देवभूमि की चमक !

साल 2023 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड को लांच किया था। यह उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का एक ब्रांड है, जिसे मिलकर देश के साथ ही पूरे विश्व तक पहुंचाना है

साल 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का उद्घाटन किया था। मकसद था देवभूमि में महिला कारीगरों और छोटे किसानों को उत्तराखंड के बाहर, देश और फिर दुनिया में पहचान दिलाना। इस काम का सपना देखा था देश के प्रधानमंत्री ने और इसे पूरा किया उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने।इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने हाउस ऑफ हिमालयाज लॉन्च किया। यह एक ऐसा ब्रांड है जिसका मकसद उत्तराखंड को दुनिया में पहचान दिलाना है। कारीगरों की विरासत को ऊपर उठाना और यह करके भी दिखाया गया है।

प्रामाणिकता और स्थिरता की उपभोक्ता मांग से बाजार में, एचओएच उच्च गुणवत्ता वाले, हस्तनिर्मित सामान की पेशकश करके खड़ा है। यह खरीदारों को उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं से जोड़ रहा है। यह पहल राज्य के सामानों की अलग-अलग किस्म को दिखाती है, हिमालयी जंगली वन शहद से लेकर विरासत-समृद्ध 'पहाड़ी राजमा' तक। यह सुनिश्चित करते हुए कि हर एक चीज लचीलेपन और प्रामाणिकता की एक अनूठी कहानी रखती है।

उत्तराखंड की इस पहचान की चमक को दुनिया में बिखेरने के लिए सीएम धामी ने हाउस ऑफ हिमालयाज लॉन्च किया और अधिकारियों की एक टीम बनाई जो इस काम को अंजाम तक पहुँचाने में लगी है। धामी सरकार के इस कदम से स्थायी आजीविका को बढ़ाया जाएगा, साथ ही शहरी प्रवास को भी कम किया जाएगा।अधिकारियों का कहना है कि यह पहल सिर्फ एक व्यावसायिक उद्यम नहीं है, इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल को अपनाकर, एचओएच ने अमेज़ॅन कारीगर जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी की है, जिससे दुनिया भर के उपभोक्ताओं को इन प्रीमियम उत्पादों तक पहुँचने की अनुमति मिलती है।

इस ब्रांड ने अपनी पहचान बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेना शुरू कर दिया है। दिल्ली के एयरपोर्ट पर भी सामानों की उपस्थिति दर्ज करवाई गई है। लुलु सुपरमार्केट में भी उत्तराखंड की उपस्थिति दर्ज करवाई गई है। स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के साथ भी समझौता कर लिया गया है।


Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

अधिक →