Advertisement

मिल्कीपुर में प्रचंड जीत के बाद योगी के साथ आईं मायावती !

मिल्कीपुर जीत के बाद Yogi को मिला Mayawati का साथ, दोनों ने मिलकर Akhilesh को जमकर उधेड़ा ! देखिये क्या है ये पूरी ख़बर।

एक तरफ सभी का ध्यान दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों में BJP की प्रचंड जीत पर था तो वहीं यूपी के मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी का डंका बजता हुआ नज़र आया। इस सीट को बीजेपी के चंद्रभानु पासवान ने लगभग 61 हज़ार वोटों के अच्छे ख़ासे मार्जिन से जीत लिया और अवधेश के बेटे अजीत को बुरी तरह से हरा दिया। इसी को लेकर अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट कर सपा को घेरा है। मायावती ने इस दौरान दिल्ली विधानसभा चुनावों का भी ज़िक्र किया है। चलिये एक एक कर बताते हैं मायावती ने किस तरह से मिल्कीपुर और दिल्ली चुनावी नतीजों को लेकर क्या कहा।


बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा -  मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी अपनी ही सीट पर 61,710 वोटों से बुरी तरह हार गई। जनता के बीच ये सवाल उठ रहा है कि जब बसपा द्वारा चुनावी गड़बड़ी संबंधी आवश्यक सुधार होने तक देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के कारण इस सीट पर पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद सपा की इतनी शर्मनाक हार कैसे हुई


मायावती ने आगे कहा, सपा की हार पर जनता को उसके जवाब का इंतजार हैक्योंकि पिछले उपचुनाव में सपा ने अपनी हार का ठीकरा बसपा पर फोड़ने की कोशिश की थी। ऐसे में एक बार फिर ये संदेश दिया जा रहा है कि भाजपाकांग्रेस और सपा जैसी जातिवादी पार्टियां गरीबोंमजदूरोंदलितोंपिछड़ोंमुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों की हितैषी नहींबल्कि कई मामलों में शोषक हैं। इन सभी लोगों का हित केवल अम्बेडकरवादी बसपा में सुरक्षित हैजिसकी मिसाल उत्तर प्रदेश में देखी जा सकती है।


मायावती यहीं नहीं रूकी, दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हुए उन्होंने कहा -अब जबकि दिल्ली की जनता ने ‘हवा चले जिधर कीचलो तुम उधर की’ के तर्ज पर मतदान कर भाजपा की सरकार बना दी हैतो केंद्र की भाजपा सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो राजधानी की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित और जनकल्याण के वादों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जल्द पूरा करे, ताकि आम लोगों का जीवन थोड़ा बेहतर हो सके और ‘अच्छे दिन’ की परिकल्पना साकार हो। साथ हीसबसे पहले दिल्ली को रहने योग्य और बेहतर बनाया जाए। 


भाजपा को 27 साल बाद मिली सत्ता की वापसी से अन्य दलोंखासकर BSP को नुकसान हुआ है। आप और भाजपा के बीच चले लंबे राजनीतिक द्वेषसंघर्ष और टकराव के कारण दिल्ली का समुचित विकास नहीं हो पायाजिसका सबसे अधिक खामियाजा गरीब और मेहनतकश वर्ग को उठाना पड़ा। अब केन्द्र सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि लोगों से किए गए अनेकों वादों  गारंटियों को पूरी ईमानदारी  निष्ठा के साथ पूरा करे। सबसे बढ़कर यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE