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यूपी की पॉलिटिक्स में एक्टिव हुई मायावती, सपा और बीजेपी की बढ़ेगी चुनौती!

सत्ता पक्ष की बीजेपी और विपक्ष की समाजवादी पार्टी अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय होती दिखाई दे रही हैं। मंगलवार को मायावती ने पार्टी के साथ पिछड़े वर्ग को जोड़ने के लिए एक विशेष बैठक की।

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही लगभग 2 साल का समय बचा हो लेकिन देश के सबसे बड़े सियासी राज्य में अभी से ही चुनावी तैयारी शुरू हो चुकी है। सत्ता पक्ष की बीजेपी और विपक्ष की समाजवादी पार्टी अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय होती दिखाई दे रही हैं। मंगलवार को मायावती ने पार्टी के साथ पिछड़े वर्ग को जोड़ने के लिए एक विशेष बैठक की। पार्टी के कोई जनाधार को वापस पाने के लिए बसपा प्रमुख नए समीकरण को साधने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रही हैं। दलित के साथ ओबीसी वर्ग को अपने विचारधारा से जोड़कर पार्टी को खराब दौर से उबारने का मायावती का यह प्रयास माना जा रहा है। 

पिछड़ों के लिए खास प्लान

उत्तर प्रदेश के राजनीति से जुड़े जानकारों की माने तो सूबे में पिछड़े वर्ग का वोट बीजेपी और समाजवादी पार्टी का खास तौर पर माना जाता है। ऐसे में मायावती का या प्रयास आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष की समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकता है। इसके साथ ही मायावती ने पिछड़ों को साधने के लिए भाईचारा कमेटी बनाने का भी ऐलान किया है।  

बसपा के नए अभियान में क्या रहेगा खास ?

मंगलवार को हुई बैठक के बाद बसपा द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि "केंद्र सरकार में दलितों की तरह ही अन्य पिछड़े वर्गों के साथ जातिवादी द्वेषपूर्ण, हीन एवं संकीर्ण रवैया रखी। उनकी हर तरह से अपेक्षा शोषण और तिरस्कार के साथ-साथ पार्टी नेताओं के द्वारा हमेशा अपमान किया गया। इसलिए बहुजन समाज के सभी अंग को आपसी भाईचारा के आधार पर संगठित राजनीतिक शक्ति बनकर वोटो की ताकत से सत्ता की मास्टर की चाबी प्राप्त करने के संकल्प को बीएसपी की राज्य स्तरीय विशेष बैठकों में आज और अधिक ऊर्जा तीव्रता के साथ सार्थक बनाने हेतु नया जोरदार अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया है।  बताते चलें बसपा इस अभियान गांव गांव तक पहुंचकर  बीजेपी, सपा और कांग्रेस की पिछड़े वर्ग विरोधी चाल को उजागर करेगी।

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