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जालंधर: विदेशी नागरिकों से ठगी के मामले में ईडी ने किया बड़ा खुलासा, 7.31 करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क

ईडी की जांच में पता चला है कि अंकुश बस्सी, पीयूष मलिक और गुरमीत सिंह गांधी बिना किसी संबद्धता के कथित तौर पर सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कॉल सेंटर चला रहे थे और सेवा प्रदान करने के बदले विदेशों में बेखबर ग्राहकों को धोखा देकर उनसे उपहार कार्ड और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियां खरीदवाई.

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जालंधर जोनल ऑफिस ने गुरुवार को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया. इसके तहत अंकुश बस्सी, पीयूष मलिक, गुरमीत सिंह गांधी और अन्य द्वारा अवैध कॉल सेंटर चलाने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच में लुधियाना और मोहाली में स्थित 7.31 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है.

विदेशी नागरिकों से ठगी मामले में ईडी का बड़ा एक्शन

आईपीसी 1860 और आईटी अधिनियम 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजाब की पुलिस ने अंकुश बस्सी और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने इस एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की, जिसमें विदेशी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए ग्राहक सहायता प्रतिनिधि बनकर उन्हें उपहार कार्ड और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियां खरीदने के लिए प्रेरित किया गया.

ईडी की जांच में हुआ बड़ा खुलासा 

ईडी की जांच में पता चला है कि अंकुश बस्सी, पीयूष मलिक और गुरमीत सिंह गांधी बिना किसी संबद्धता के कथित तौर पर सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कॉल सेंटर चला रहे थे और सेवा प्रदान करने के बदले विदेशों में बेखबर ग्राहकों को धोखा देकर उनसे उपहार कार्ड और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियां खरीदवाई.

मामले की जांच में जुटी ईडी

बाद में आरोपियों ने क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से भारत में उपहार कार्ड और वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों को भुनाया और इन व्यक्तियों एवं उनके परिवार के सदस्यों के कई बैंक अकाउंट के माध्यम से उन्हें स्थानांतरित किया. इस प्रकार अवैध गतिविधियों से अर्जित अपराध की आय का उपयोग अचल संपत्तियों की खरीद में किया गया. ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

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