कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए धामी सरकार का बड़ा कदम, आसमानी आफत से बचाएगी ये टीम!
11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. लाखों शिव भक्त कांवड़ लेकर धर्मनगरी Haridwar पहुंचेंगे. लेकिन देवभूमि में आसमानी आफत कांवड़ियों की राह में मुश्किलें पैदा कर सकती है. जगह जगह भारी बारिश…Landslide, उफनती नदियां और जलभराव से हालात बिगड़ रहे हैं. इसलिए धामी सरकार ने कावड़ियों तो जलतबाही से बचाने के लिए खास तैयारी की है.
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11 जुलाई को श्रावण मास के साथ कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. लाखों शिव भक्त कांवड़ लेकर धर्मनगरी हरिद्वार पहुँचेंगे. लेकिन देवभूमि में आसमानी आफत कांवड़ियों की राह में मुश्किलें पैदा कर सकती है. जगह जगह भारी बारिश…लैंडस्लाइड, उफनती नदियां और जलभराव से हालात बिगड़ रहे हैं. इसलिए धामी सरकार ने कावड़ियों तो जलतबाही से बचाने के लिए खास तैयारी की है.
भारी बारिश के बीच हादसों के खतरे को देखते हुए SDRF की टीम ने कमर कस ली है. कावड़ यात्रा से पहले SDRF की टीम ने हरिद्वार में गंगा नदी की उफनती लहरों के बीच मॉक ड्रिल और निरीक्षण किया गया. इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रैक्टिस की गई. साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले इक्विप्मेंट्स को भी टेस्ट किया गया. ये सुनिश्चित किया गया कि सभी उपकरण मुश्किल परिस्थितियों के लिए तैयार हैं या नहीं.
कांवड़ यात्रा से पहले हरिद्वार के तमाम घाट भी तैयार हो चुके हैं. सभी व्यवस्थाएं भी पूरी कर ली गई हैं. घाटों पर और सेंसिटिव जोन पर SDRF की टीमें तैनात की गई हैं. दरअसल, पिछले साल डूबने और हादसों के कई मामले सामने आए थे. इसी को ध्यान में रखते हुए.
6 ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है जो सेंसिटिव ज़ोन हैं. ये जगह हैं बैरागी आश्रम, बैरागी कैंप, प्रेम नगर आश्रम और डाल वाला. टीमें एडवांस लाइफ सेविंग इक्विपमेंट्स, रिमोट ऑपरेटेड लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट, स्पीड मोटर बोट और रैफ्ट के साथ तैनात रहेगी.
तमाम व्यवस्थाओं, तमाम एहतियात और तैयारी के बावजूद हर साल कहीं ना कहीं बड़ी चूक की घटना सामने आती है. ऐसे में SDRF की टीम ने हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं और कांवड़ियों से भी सावधानी बरतने की अपील की है. SDRF के मुताबिक, ज्यादातर हादसों की वजह लोगों का रेलिंग क्रॉस करना भी होता है. SDRF ने लोगों को सेफ्टी प्रोटोकॉल फॉलो करने के निर्देश दिए. इन प्रोटोकॉल के तहत
प्रशासनिक टीमें किसी भी तरह के हादसे को रोकने और लोगों को बचाने के लिए हमेशा तैनात हैं लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि लोग अपनी ज़िम्मेदारी भूल जाएं. नदी किनारे स्टंट, रील बनाने जैसी गतिविधियों से बचें.
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कावड़ यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की थी. बैठक में तैयारियों को लेकर चर्चा की गई साथ ही अधिकारियों को तमाम ज़रूरी दिशा निर्देश दिए गए. CM धामी ने निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा के दौरान सभी तैयारियों को बड़े स्तर पर किया जाए जिससे ये अनुभव आगामी कुंभ मेले में भी काम आए, ग्रीन और क्लीन कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश और आसपास के 30 किमी के दायरे में हर 1-2 किमी पर मोबाइल टॉयलेट, पानी, कूड़ा निस्तारण के लिए विशेष गाड़ियों की तैनाती की जाए, हर 5 किलोमीटर पर स्वास्थ्य केंद्र, एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, अधिकारियों को उत्तराखंड कांवड़ सेवा ऐप बनाने के भी निर्देश दिए हैं, जिसमें कांवड़ियों को सभी डिटेल उपलब्ध कराई जाए.
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देवभूमि में कांवड़ यात्रा की तमाम तैयारियों को अमली जामा पहनाया जा रहा है. टीमें तैनात हैं..देवभूमि तैयार है…इंतजार है कांवड़ियों का…जब हरिद्वार में आस्था का सैलाब बहेगा. घाट कांवड़ियों से गुलज़ार होंगे. ऐसे में भक्ति और श्रद्धा के रंगों में किसी रह की अनहोनी से बचा जा सके. इसके लिए प्रशासनिक टीमों ने अभी से मोर्चा संभाल लिया है.
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