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छत्तीसगढ़ जल्‍द होगा नक्सल मुक्त, सीएम विष्णुदेव साय बोले- कानून व्यवस्था हो रही मजबूत, नक्सली कर रहे सरेंडर

कभी गोलियों की गूंज से कांप उठने वाला बस्तर अब नई तस्वीर दिखा रहा है. नक्सली एक-एक कर आत्मसमर्पण कर रहे हैं.

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19 Aug 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:00 PM )
छत्तीसगढ़ जल्‍द होगा नक्सल मुक्त, सीएम विष्णुदेव साय बोले- कानून व्यवस्था हो रही मजबूत, नक्सली कर रहे सरेंडर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ के हालात अब बेहत होते जा रहे हैं. नक्सली अब आत्मसमर्पण कर रहे हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दावा किया है कि विगत लगभग 20 महीनों में सुरक्षा बलों की सक्रियता और सरकार की नीति के चलते यह प्रक्रिया तेज़ हुई है. उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही नक्सलवाद खत्म हो जाएगा.

एक नए युग की शुरुआत!

राज्य में आत्मसमर्पण का डाटा भी उत्साहजनक है—2024 में अब तक ढेरों नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं. अकेले नारायणपुर जिले में ही 22 ऐसे कुख्यात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिन पर इनाम राशि ₹50 हजार से ₹8 लाख तक थी. मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को सरकार की पुनर्वास नीति और विकास-केंद्रित रणनीति का परिणाम बताया.

कब तक, और कैसे?

मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट रूप से कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सल से मुक्त हो जाएगा. यहां तक कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा घोषित इस लक्ष्य का भी वे समर्थन कर रहे हैं. बस्तर और कोंडागांव जैसे क्षेत्र धीरे–धीरे पुनर्जीवित हो रहे हैं. यहां अब स्कूल, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं और बैंकिंग जैसी सुविधाएं लौट रही हैं, जो पहले नक्सलियों की उपस्थिति से अनुपलब्ध थी. 

शांति की जीत

अधिकारियों की नजर में यह सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि मानव जीवन की वापसी है—जहां पहले बंदूक थी, अब विकास की राह है. आत्मसमर्पित नक्सलियों को न केवल राहत पैकेज मिले, बल्कि उनके लिए आवास, राशन कार्ड, स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे इंसानी आधार भी मुहैया कराए जा रहे हैं. यह देख, ग्रामीण कभी-कभी खिलखिला उठते हैं—क्योंकि उन्हें अब युद्ध नहीं, शांति का हिस्सा बनाया जा रहा है.

विश्वास और सुरक्षा का संदेश

मुख्यमंत्री ने उन जवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने इस कठिन लड़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. उनकी बहादुरी और समर्पण ने राज्यवासियों का विश्वास वापस लौटाया है—उनकी आंखों में अब सिर्फ भय नहीं, बल्कि भरोसा और उम्मीद दिखती है. 

यह सिर्फ एक सरकार की जीत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के उन लोगों की जीत है जो अब सुकून से जीने की उम्मीद कर रहे हैं. आत्मसमर्पण की यह लहर कड़ी हकीकत में तब तक असर रखती है, जब तक विकास, न्याय और सम्मान का चमन वहाँ खिलता रहे.

इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह, डिप्टी सीएम अरुण साव और पवन साव मंच पर उपस्थित रहे. वहीं, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पाण्डेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव और अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी कार्यक्रम में शामिल हुए.

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