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58 की उम्र में नीतीश के मंत्री बने असिस्टेंट प्रोफेसर, 2020 में दिया था इंटरव्यू

बिहार की नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने वाले हैं. अशोक चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चयनित हुए हैं. वह नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री हैं.

बिहार की नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी को एक नई उपलब्धि हासिल हुई है. उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयनित किया गया है. यह चयन पॉलिटिकल साइंस विषय के लिए हुआ है. चौधरी का चयन बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा किया गया है, जिसमें 274 उम्मीदवारों का चयन पॉलिटिकल साइंस के लिए किया गया था. अशोक चौधरी, जो बिहार विधान परिषद के सदस्य भी हैं, उन्होंने अपनी पीएचडी तक की पढ़ाई की है. उनका चयन एससी कैटेगरी में हुआ है. चौधरी का चयन शिक्षा क्षेत्र में एक नया कदम है, जो उनके कई वर्षों के शैक्षिक अनुभव और राजनीतिक योगदान का परिणाम है.

2020 में हुआ था इंटरव्यू
रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने अलग-अलग कॉलेजों में प्रोफेसर के खाली पड़े पदों को भरने के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. साल 2020 में आयोग ने इसके लिए इंटरव्यू आयोजित किया था, जिसमें उम्मीदवारों की अधिकतम आयु 55 वर्ष निर्धारित की गई थी. अब, लंबे इंतजार के बाद, आयोग ने इस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित किया है. बता दें कि इस प्रक्रिया में देशभर से उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था और अब बिहार के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के पदों पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. इस परिणाम से न केवल शिक्षा क्षेत्र में नवीनता आएगी, बल्कि यह शैक्षिक गुणवत्ता को भी बढ़ावा देगा.

अशोक चौधरी का राजनीतिक सफर
58 साल के अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक हैं. वह बिहार में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे महावीर चौधरी के बेटे हैं. अशोक ने कांग्रेस से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. वे शेखपुरा की बरबीघा सीट से दो बार विधायक रहे. राबड़ी सरकार में मंत्री भी रहे. वे बिहार में कांग्रेस की कमान भी संभाल चुके हैं. 2018 में वे कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में आ गए थे. अशोक चौधरी दलित वर्ग से आते हैं. उनकी बेटी लोजपा-रामविलास से समस्तीपुर से सासंद हैं.

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