बिहार में सत्ता का ब्लूप्रिंट… सम्राट-विजय बने बनेंगे उपमुख्यमंत्री! JDU ने नीतीश पर लगाई मुहर
बिहार में एनडीए की जीत के बाद बुधवार को जेडीयू और बीजेपी ने विधायक दल की बैठकें कीं. बीजेपी ने सम्राट चौधरी को नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना. जेडीयू ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता बनाया.
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Bihar Govt Formation: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में बुधवार को बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ. पटना में जेडीयू और बीजेपी ने अपने-अपने विधायक दल की बैठकों में नए नेतृत्व का चयन किया. बीजेपी विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को नेता चुना गया, जबकि विजय सिन्हा को उपनेता बनाया गया. वहीं जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया.
केशव मौर्या ने किया दोनों नेताओं के नाम का ऐलान
बुधवार को पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी विधायकों की उपस्थिति के बीच सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया. इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद थे, जबकि सह-पर्यवेक्षक सांसद साध्वी निरंजन ज्योति, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े समेत बड़ी संख्या में विधायक और विधान पार्षद भी शामिल रहे. बैठक के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने प्रेस से बातचीत में निर्णय की औपचारिक घोषणा की. उन्होंने बताया कि सम्राट चौधरी के नाम पर सभी विधायकों ने एकमत से सहमति जताई. इसके साथ ही विजय कुमार सिन्हा को विधायक दल का उपनेता भी चुन लिया गया. इस फैसले के बाद संकेत साफ हैं कि बीजेपी राज्य में अपने मौजूदा नेतृत्व ढांचे को बरकरार रखते हुए इन्हीं दोनों नेताओं को एक बार फिर उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दे सकती है.
नीतीश कुमार के नाम पर लगेगी अंतिम मोहर
वहीं, जेडीयू विधायक दल की बैठक में पार्टी नेताओं ने एकमत से नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया. इस बैठक में नव-निर्वाचित विधायकों और विधान पार्षदों की पूरी मौजूदगी रही. दोनों दलों में नेतृत्व पर मुहर लगने के बाद अब गठबंधन के स्तर पर आगे की रणनीति तय करने की तैयारी शुरू हो गई है. इसे ध्यान में रखते हुए दोपहर 3 बजे विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक बुलाई गई है. सूत्र बता रहे हैं कि इस बैठक में नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना प्रबल है. भाजपा, जेडीयू और अन्य सहयोगी दलों के सभी विधायक इस बैठक में हिस्सा लेंगे. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री पद, नए मंत्रिमंडल और विभागों के बंटवारे को लेकर अहम फैसले सामने आ सकते हैं.
कल 11: 30 बजे होगा शपथ ग्रहण
इसके बाद बुधवार की शाम एनडीए विधायक दल की अहम बैठक तय है, जिसमें एक बार फिर नीतीश कुमार को नेता चुने जाने की संभावनाएँ मजबूत मानी जा रही हैं. इसके बाद गुरुवार को गांधी मैदान में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. चुनाव परिणाम आने के बाद बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर में नई सरकार को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है. बड़े आयोजन को देखते हुए गांधी मैदान में तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं, ताकि बड़ी संख्या में आमंत्रितों और अतिथियों को बेहतर व्यवस्था मिल सके. इसी तैयारी की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार की शाम गांधी मैदान पहुँचे। उन्होंने मंच, अतिथियों की बैठने की व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों की विस्तृत जानकारी अधिकारियों से ली. बताया जा रहा है कि 20 नवंबर को दोपहर 11:30 बजे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की दसवीं बार शपथ लेंगे. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की पुष्टि हुई है, जबकि गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को ही पटना पहुंचने वाले हैं.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में एनडीए को कुल 202 सीटें मिली हैं. बीजेपी ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 85 सीटों के साथ है. वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) का स्ट्राइक रेट भी बेहतर रहा. पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत दर्ज की, जो एनडीए में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी और पूरे बिहार में चौथे नंबर की पार्टी रही. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली है.
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