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सरकार ने टेरिटोरियल आर्मी को तैयार रहने को कहा, सचिन-धोनी-कपिल देव संभालेंगे मोर्चा? जानिए टेरिटोरियल आर्मी के नियम

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सरकार की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें अब देश की टेरिटोरियल आर्मी को तैयार रहने के लिए कहा गया है. सीमा पर इस वक़्त हालात बद से बदतर हो चुकी है. जंग जैसे हालात में क्या करते हैं टेरिटोरियल आर्मी

पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच केंद्र सरकार ने टेरिटोरियल आर्मी को तैयार रहने को कहा है. सरकार ने सेना प्रमुख को जंग के हालात में टेरिटोरियल आर्मी को बुलाने की इजाजत दे दी है. भारत ने पहलगाम हमले के खिलाफ पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को चोट पहुंचाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. जिसके बाद अब बौखलाया पाकिस्तान भारत को जंग की धमकी दे रहा है. 

क्या है टेरिटोरियल आर्मी? 

दरअसल 1949 में टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) का गठन किया गया था. गठन करने के पीछे इसका मुख्य उद्देश्य नियमित सेना को युद्ध, आपदा या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता प्रदान करना है. इसमें तकरीबन 50 हजार जवान, 65 यूनिट और 6 बटालियन है. प्रादेशिक सेना में शामिल जवान और अधिकारी आम जीवन जीते हैं, लेकिन समय-समय पर सैन्य प्रशिक्षण और ड्यूटी के लिए बुलाए जाते हैं.

देश की कौन कौन बड़ी हस्ती इसमें शामिल है 

जंग के हालात में सेना ही आगे आती है और मोर्चा संभालती है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) को भी बुलाया जा सकता है. भारत की बड़ी हस्ती की बात करें तो इसमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, महेंद्र सिंह धोनी, शूटर अभिनव बिंद्रा, राजनेता अनुराग ठाकुर, सचिन पायलट, मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल, नाना पाटेकर जैसे नाम शामिल हैं. ये सभी किसी न किसी रैंक पर है, जैसे महेंद्र सिंह धोनी लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और पैराशूट रेजिमेंट से हैं. उन्होंने इसकी ट्रेनिंग भी ली है. इसी तरह सचिन तेंदुलकर इसमें ग्रुप कैप्टन हैं. 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाया पाक, सेना का मुंहतोड़ जवाब 

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पीओके और उसके कई शहरों को जब से तबाह किया है इसके बाद से पाकिस्तान लगातार बौखलाया हुआ है और भारत को जंग की गीदरभभकी दे रहा है. गुरुवार 8 मई की रात पाकिस्तान ने दुस्साहस करते हुए भारत में कई ठिकानों पर हमले की कोशिश की जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. पाकिस्तान को उसकी इस गुस्ताखी का अंजाम भी जल्द ही भुगतना पड़ा और लाहौर कराची समेत कई ठिकानों पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर पार्ट 2 करके दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. 

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