Zepto की खुली पोल! एक्सपायर्ड सामान डिलीवर करने का डरावना सच, पूर्व कर्मचारी ने किया खुलासा
Zepto में काम कर चुके पूर्व कर्मचारी ने एक्सपायर्ड सामान डिलीवर करने और गंदगी भरे स्टोर की सच्चाई उजागर की है. जानिए कैसे Zepto की तेज डिलीवरी के पीछे ग्राहकों की सेहत और क्वालिटी के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
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सोचिए, आपने ग्रोसरी का ऑर्डर दिया और सिर्फ 10 मिनट में वो आपके दरवाजे पर हाजिर हो गया ना कोई भीड़, ना लंबी लाइन और ना ही बाजार की भागदौड़. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वो पैकेट जहां से आया, वहां सब कुछ सही चल रहा है? अब जरा रुकिए , क्योंकि जो दावा एक एक्स एम्प्लॉयी ने Zepto को लेकर किया है, वो आपको दो बार सोचने पर मजबूर कर देगा.
Zepto के अंदर की सच्चाई वायरल
Reddit पर एक यूजर "@lvalue_required" ने दावा किया है कि उन्होंने Zepto में लगभग 3 साल तक काम किया और अब वो उस अंदर की गंदगी को सबके सामने लाना चाहते हैं. पोस्ट का टाइटल ही चौंका देने वाला था: "मैंने Zepto में 3 साल तक काम किया. यहां की बदसूरत सच्चाई है.हमारे पास एक बार तीन ग्रीक योगर्ट बचे थे, जो सारे एक्सपायर हो चुके थे. फिर भी स्टोर प्रभारी ने कहा 'बस पैक कर दो. ग्राहक को भेज दो.’”
मानसून में Zepto का स्टोर या गटर?
यूजर का दावा है कि पुणे स्थित एक Zepto हब में मानसून के दौरान स्टोर में गटर का पानी भर जाता था और वहीं किराने का सामान पैक होता था.एक्स एम्प्लॉयी ने कहा-
"हम नंगे पांव उस पानी में 9 घंटे तक खड़े रहते थे. कई बीमार पड़े, पर किसी को मेडिकल सुविधा नहीं मिली.”
एक्स एम्प्लॉयी ने बताया कि ज्यादातर फल और सब्जियां ताजी नहीं होती थीं, फिर भी उन्हें पैक करके ग्राहकों को भेजा जाता था.
"Zepto न सिर्फ अस्वस्थकर है, बल्कि पूरी तरह अनैतिक भी है. ग्राहक को हक है सच्चाई जानने का.”
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
ये पोस्ट जैसे ही वायरल हुई, Reddit पर 700+ अपवोट्स और दर्जनों कमेंट्स की बौछार लग गई.कुछ लोगों ने इसे साहसिक कदम बताया, वहीं कुछ ने कहा कि ये मामला एक स्टोर तक सीमित हो सकता है.
फिलहाल Zepto की ओर से इस पोस्ट पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि इस विवाद ने क्विक डिलीवरी इंडस्ट्री की नींव पर जरूर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या हम सुविधा के नाम पर अपनी सेहत और गुणवत्ता के साथ समझौता कर रहे हैं? अगर इन आरोपों में सच्चाई है, तो ये महज एक स्टोर का मामला नहीं, बल्कि एक बड़े सिस्टम की चूक हो सकती है.
वैसे बता दें इन आरोपों से पहले भी Zepto को कई शिकायतों का सामना करना पड़ा है.2025 की शुरुआत में MDRavi (महाराष्ट्र FDA) ने Zepto के मुम्बई की एक गोदाम का लाइसेंस निलंबित किया था क्योंकि वहां फंगल ग्रोथ, एक्सपायर्ड सामान, गीली मंजिल और खराब स्टोरेज जैसे गंभीर विकर्षण पाए गए थे.इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने Maggi में मृत चींटियां पाईं, तो दूसरे ग्राहक ने 'Meat 99' चिकन में कीड़े देखे .
इन घटनाओं ने ये सवाल उठाया है कि क्या Zepto जैसी क्विक‑कॉमर्स कंपनी केवल स्पीड पर ध्यान देती है, या गुणवत्ता को भी बराबर महत्व देती है. कंपनी ने दावा किया है कि सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं.लेकिन अगर ऐसी शिकायतें लगातार सामने आती रहीं, तो ग्राहकों का भरोसा डगमगा सकता है.
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