Advertisement

सपा प्रमुख अखिलेश यादव का 80 लाख फॉलोवर्स वाला फेसबुक पेज क्यों हुआ ब्लॉक? सामने आई चौंकाने वाली वजह

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोशल मीडिया ने सियासी टकराव को फिर से तेज कर दिया है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट शुक्रवार शाम अचानक ब्लॉक कर दिया गया. सपा ने इसे बीजेपी सरकार की साजिश बताया, जबकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह फेसबुक की अपनी नीति के तहत किया गया कदम है.

11 Oct, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
02:47 PM )
सपा प्रमुख अखिलेश यादव का 80 लाख फॉलोवर्स वाला फेसबुक पेज क्यों हुआ ब्लॉक? सामने आई चौंकाने वाली वजह
Akhilesh Yadav (File Photo)

उत्तर प्रदेश की राजनीति में भले ही फिलहाल कोई चुनाव नहीं हो, लेकिन किसी न किसी मुद्दे पर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी समाजवादी पार्टी के बीच टकराव देखने को मिल ही जाता है. इस बार दोनों राजनीतिक दलों के आमने-सामने होने की वजह फेसबुक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है. 

दरअसल, समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट शुक्रवार शाम अचानक ब्लॉक कर दिया गया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. सपा ने इसे केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की साजिश बताया, जबकि सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह फेसबुक की अपनी नीतियों के तहत किया गया कदम है और सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं है.

फेसबुक ने अपनी नीति के तहत ब्लॉक किया अकाउंट

सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव का फेसबुक पेज पर 80 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स थे, जिसे शुक्रवार शाम करीब 6 बजे ब्लॉक कर दिया गया. बताया गया है कि यह कार्रवाई 'हिंसक और अश्लील पोस्ट' के चलते की गई. इस पेज का इस्तेमाल अक्सर सरकार की नीतियों की आलोचना करने, कार्यकर्ताओं से जुड़ने और सपा के कार्यक्रमों की जानकारी साझा करने के लिए होता था.

सपा ने लगाया अघोषित इमरजेंसी का आरोप 

सपा नेताओं ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला बताया. पार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा, 'देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फेसबुक अकाउंट सस्पेंड करना लोकतंत्र के लिए खतरा है. उन्होंने यह भी कहा कि आज बीजेपी की सरकार ने अघोषित इमरजेंसी लगा दी है, जहां हर विरोधी आवाज को दबाया जा रहा है. लेकिन सपा जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी.'

सरकार की प्रतिक्रिया 

यह भी पढ़ें

इस मामले को लेकर फिलहाल फेसबुक की ओर से इस कार्रवाई पर आधिकारिक बयान का इंतजार है, जबकि सरकार ने दोहराया है कि यह प्लेटफॉर्म की आंतरिक नीति के तहत लिया गया निर्णय है और इसमें किसी सरकारी एजेंसी का हस्तक्षेप नहीं है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सोशल मीडिया पर ऐसी कार्रवाई से सियासी बहस और भी तेज हो सकती है और विपक्षी दलों के लिए मंच सीमित होने की चिंता बढ़ सकती है.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें