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कौन हैं रतन टाटा के Mystery Man मोहिनी मोहन दत्ता, जिनके नाम कर दिए 500 करोड़ ?

दिवंगत उद्योगपति Ratan Tata की वसीयत में एक चौंकाने वाला नाम सामने आया है. जिसमें उनके मिस्ट्री दोस्त पर बड़ा खुलासा हुआ है. रतन टाटा ने अपने इस दोस्त के नाम 500 करोड़ रुपए किए हैं ।

9 अक्टूबर 2024 को देश ने एक ऐसी शख्सियत को अलविदा कह दिया जो लाखों लोगों की प्रेरणा रहे। त्याग, सादगी, दया और दरियादिली की झलक जिनके व्यक्तित्व में हमेशा दिखी। हम बात कर रहे हैं रतन टाटा की। वे भले ही हमें छोड़कर चले गए हों, लेकिन उनकी चर्चा अक्सर होती रहती है। रतन टाटा के निधन के बाद उनकी वसीयत ने भी खासी सुर्खियां बटोरी। कभी वे अपने युवा दोस्त की वजह से चर्चा में रहे। अब एक बार फिर उनकी वसीयत पर नया खुलासा हुआ है। और खुलासा हुआ है उनके नए दोस्त के बारे में, जिनका नाम सुनकर हर कोई चौंक गया।

दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा के यंग दोस्त शांतनु नायडू के बारे में तो आपने सुना ही होगा।

दोनों का रिश्ता प्रोफेशनल से ज्यादा पर्सनल रहा। यहां तक कि एक वसीयत में भी शांतनु का जिक्र हुआ। अब रतन टाटा की एक और वसीयत खुली है जिसमें उनके नए दोस्त का नाम सामने आया है। रतन टाटा ने वसीयत में 500 करोड़ अपने इस दोस्त के नाम कर दिए। यानी उन्होंने अपनी संपत्ति का करीब एक तिहाई हिस्सा अपने दोस्त को दे दिया।

दरअसल, रतन टाटा के इस गुमनाम दोस्त का नाम है मोहिनी मोहन दत्ता। 74 साल के मोहिनी मोहन दत्ता रतन टाटा के बेहद करीबी दोस्त हैं। लेकिन उनके बारे में टाटा की फैमिली को भी बहुत कम पता है। अब जब वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता का नाम आया तो परिवार भी चौंक गया।

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता ?

मोहिनी मोहन दत्ता और रतन टाटा की मुलाकात जमशेदपुर में हुई थी। उस समय रतन टाटा की उम्र 24 साल थी। दोस्ती के साथ-साथ मोहिनी मोहन दत्ता ने रतन टाटा के साथ प्रोफेशनल रिश्ता भी शेयर किया है।

वे सबसे पहले टाटा ग्रुप के कारोबार से जुड़े। ताज ग्रुप में उनको अहम जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद उन्होंने खुद की कंपनी स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी की स्थापना की। हालांकि बाद में ताज ग्रुप के वेंचर ताज सर्विस के साथ स्टैलियन का मर्जर हो गया। मोहिनी मोहन दत्ता टाटा कैपिटल समेत कई कंपनियों में शेयरधारक भी हैं। मोहिनी दत्ता के बच्चे भी टाटा ट्रस्ट और टाटा ग्रुप से जुड़े हुए हैं। वे रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्तों में शामिल रहे।

हाईकोर्ट पहुंचेगा संपत्ति मामला

बताया जा रहा है ये संपत्ति ऐसे ही मोहिनी मोहन दत्ता को नहीं मिल जाएगी। पहले हाईकोर्ट के जरिए पूरा वेरिफिकेशन होगा। रतन टाटा की संपत्ति और वसीयत का मूल्यांकन बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से किया जाएगा।

वहीं, रतन टाटा की वसीयत में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। वो ये कि उनकी वसीयत में सौतेले भाई नोएल टाटा का नाम शामिल नहीं है। हालांकि भाई जिमी टाटा को संपत्ति से 50 करोड़ रुपए मिलेंगे। उनकी वसीयत में परिवार के सदस्य, करीबी दोस्त, यहां तक कि उनके डॉग का भी जिक्र हुआ है लेकिन मोहिनी मोहन दत्ता का नाम पहली बार किसी मिस्ट्री की तरह सामने आया है।

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