‘ऐतिहासिक किलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लेना चाहते हैं…’ ASI को लेकर CM योगी ने PM मोदी लिखा पत्र, कर दी बड़ी मांग
प्रधानमंत्री मोदी से उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के किलों की सुरक्षा को लेकर बड़ी मांग की है. सीएम योगी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पीएम मोदी से क्या मांग की है, जानिए
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प्रधानमंत्री मोदी से उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के किलों की सुरक्षा को लेकर बड़ी मांग की है. सीएम योगी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बुंदेलखंड किलों की सुरक्षा ऐतिहासिक सर्वेक्षण विभाग (ASI) से लेकर राज्य सरकार को सौंपने का अनुरोध किया है ताकि उनका विकास किया जा सके और से पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सके.
राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने एक बयान में जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पीएम को लिखे पत्र में उन सभी जगहों का विवरण दिया गया है जो पर्यटन के दृष्टिकोण से जरूरी हैं और जिनसे देश का विकास हो सकता है.
इन किलों को लेकर की मांग
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पत्र में जिन किलों को लेकर मांग की, उनमें तालबेहट किला (ललितपुर), कालिंजर किला (बांदा), मड़फा (चित्रकूट), और बरुआ सागर घाट की सीढ़ियां (झांसी) शामिल हैं. पत्र में अनुरोध किया गया कि प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत इन किलों की सुरक्षा राज्य सरकार को सौंप दी जाए.
प्राचीन युग से हो रही हैं गतिविधियां- मंत्री
जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी लिखा कि बुंदेलखंड ने भारत की संस्कृति और सभ्यता के विकास में अमूल्य योगदान दिया है और यह क्षेत्र वीरता की कहानियों से भरा है. पत्र में लिखा गया कि यह शैक्षिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अधिक समृद्ध है. सीएम ने कहा कि हालांकि, कुछ कारणों से यह क्षेत्र 2014 तक उपेक्षित रहा है.
जयवीर सिंह ने अपने बयान में कहा कि इस क्षेत्र में पाषाण युग से ही मानव गतिविधियां हो रही हैं. उन्होंने बताया कि समय के साथ, गुप्त और चंदेल राजाओं ने यहां कई मंदिर और किले बनवाए, जिनमें से कुछ इस समय ASI के संरक्षण में हैं और राज्य सरकार उनके विकास के लिए इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लेना चाहती है.
जानिए क्या है ASI?
ASI यानी की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) एक संस्था जो देश में ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव और मेंटेनेंस का काम करती है. ASI पुरानी चीजों का अध्ययन भी करती है. बता दें कि इसकी स्थापना 1861 में अंग्रेजों के शासन काल में हुई थी.
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