हिंसात्मक जिहाद, गज़वा-ए-हिंद के ख़्वाब, शरिया लागू करने की तैयारी...UP ATS ने 'Reviving Islam' ग्रुप का फोड़ा भांडा, हुए बड़े खुलासे
रिवाइविंग इस्लाम नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप है, जिसमें 3 एडमिन समेत लगभग 400 पाकिस्तानी मेंबर हैं. इस ग्रुप में एक नंबर उत्तर प्रदेश का भी जुड़ा है. जानकारी प्राप्त हुई कि इस मोबाइल नंबर का धारक अजमल अली है, जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रविरोधी व गैर-मुस्लिम धर्म के व्यक्तियों के प्रति कट्टरपंथी विचारधारा को प्रसारित-प्रचारित कर रहा है.
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उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता (यूपी एटीएस) को बड़ी सफलता मिली. यूपी एटीएस ने भारत विरोधी आपराधिक षड्यंत्र रचने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का मंसूबा रखने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
भारत विरोधी आपराधिक षड्यंत्र रचने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
जहां एक आरोपी की गिरफ्तारी मुंबई से सटे ठाणे जिले के बदलापुर से हुई है, जिसका नाम उसामा माज शेख है तो वहीं दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के अमरोहा से हुई, जिसका नाम अजमल अली है.
यूपी एटीएस ने “Reviving Islam” ग्रुप का किया खुलासा
रिवाइविंग इस्लाम नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप है, जिसमें 3 एडमिन समेत लगभग 400 पाकिस्तानी मेंबर हैं.इस ग्रुप में एक नंबर उत्तर प्रदेश का भी जुड़ा है.जानकारी प्राप्त हुई कि इस मोबाइल नंबर का धारक अजमल अली है, जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रविरोधी व गैर-मुस्लिम धर्म के व्यक्तियों के प्रति कट्टरपंथी विचारधारा को प्रसारित-प्रचारित कर रहा है.
एटीएस ने पूछताछ के लिए अजमल अली को बुलाया. उसने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह व्हाट्सएप पर रिवाइविंग इस्लाम ग्रुप के अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई पाकिस्तानी व्यक्तियों के संपर्क में था.
इंस्टाग्राम आईडी से हुए चौकाने वाले खुलासे
उसने यह भी बताया कि वह एक इंस्टाग्राम आईडी से जुड़ा था, जिसका प्रयोगकर्ता उसामा माज शेख था, जिसे वह अपना सीनियर मानता था. उसकी उसामा से इंस्टाग्राम व सिग्नल ऐप के माध्यम से भारत-विरोधी बातें होती थीं और भारत की चुनी हुई सरकार गिराकर शरिया लागू करने की बात की जाती थी.
इस संबंध में अजमल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.इसी क्रम में यूपी एटीएस ने सोमवार को आरोपी उसामा माज शेख को बदलापुर से गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म्स के माध्यम से कई पाकिस्तानी व्यक्तियों से संपर्क में थे और हिंसात्मक जिहाद के माध्यम से भारत में गजवा-ए-हिंद करके शरिया का कानून लागू करना चाहते थे.
दोनों आरोपी मुस्लिम नवयुवकों को गैर-मुस्लिमों के प्रति भड़का कर उनमें रोष पैदा करते थे और उनको भारत विरोधी, आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करते थे.
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