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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का साथ देना तुर्की को पड़ा भारी, अब भुगत रहा अंजाम, अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जहां दुनिया के अधिकतर देश भारत के साथ खड़े दिखाई दिए वहीं एक ऐसा देश भी था जो खुलकर भारत के विरोध में आकर खड़ा हो गया. वो देश था तुर्की. भारत का दुश्मन देश पाकिस्तान का समर्थन करना तुर्की को अब भारी पड़ रहा है. इसका सीधा असर अब उसके पर्यटन कारोबार पर दिख रहा है.

पाकिस्तान से सैन्य टकराव के बाद भारतीय पर्यटक बड़ी संख्या में तुर्की जाने से अब परहेज कर रहे हैं. ताजा आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि तुर्की में भारतीय पर्यटकों की संख्या पिछले तीन महीनों में आधी रह गई है.

तीन महीने में 50 प्रतिशत की गिरावट 

इस साल मई से जुलाई के बीच तुर्की के पर्यटन पर नजर डालें तो तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाती है. मई में जहां 31,659 भारतीय पर्यटक तुर्की पहुंचे थे, वहीं जुलाई में यह संख्या घटकर सिर्फ 16,244 रह गई. यानी महज तीन महीनों में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. यह गिरावट केवल मासिक तुलना तक सीमित नहीं है, बल्कि सालाना आधार पर भी यह गिरावट साफ देखी जा सकती है. जुलाई 2024 में तुर्की में 28,875 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, जबकि इस साल जुलाई में यह आंकड़ा घटकर 16,244 पर सिमट गया. यह पिछले वर्ष की तुलना में 44 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट केवल पर्यटन रुझान में बदलाव की वजह से नहीं, बल्कि भारत के लोगों की तुर्की को लेकर बदली धारणा का परिणाम है. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की घड़ी में तुर्की का पाकिस्तान के साथ खड़ा होना, भारतीय जनता के गले नहीं उतर रहा. यही कारण है कि भारतीय सैलानी अब दूसरी जगहों की तलाश में जुट गए हैं.

यह गिरावट तुर्की के लिए एक सबक - EaseMyTrip

EaseMyTrip के चेयरमैन और संस्थापक निशांत पिट्टी ने इस गिरावट को लेकर साफ शब्दों में कहा, यह गिरावट तुर्की के लिए एक सबक है. विदेशी पर्यटन बोर्डों को समझना होगा कि वे भारत को हल्के में नहीं ले सकते. भारत आज एक वैश्विक शक्ति है और हमारे राष्ट्र के सम्मान पर कोई समझौता नहीं हो सकता. पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि भारतीय पर्यटक हर साल तुर्की के लिए एक बड़ा बाजार साबित होते आए हैं. तुर्की के लिए भारत से जाने वाले पर्यटक न केवल संख्या में बड़े होते हैं, बल्कि खर्च करने के मामले में भी अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा अहमियत रखते हैं. ऐसे में भारत का रुख बदलना तुर्की की अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल सकता है.

विश्लेषकों के मुताबिक, अगर यही रुझान जारी रहा तो आने वाले महीनों में तुर्की को भारतीय पर्यटकों से होने वाली आय में बड़ी गिरावट देखनी पड़ सकती है. वहीं भारतीय पर्यटक अब ग्रीस, स्पेन, इटली और यहां तक कि मध्य एशियाई देशों को प्राथमिकता देने लगे हैं. इन देशों ने हाल के वर्षों में भारतीयों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन और वीज़ा नीतियों में ढील दी है. कुल मिलाकर, भारत और तुर्की के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनातनी का सीधा असर उसके पर्यटन उद्योग पर दिख रहा है. भारतीय पर्यटकों की बदली हुई प्राथमिकताएं यह साफ संकेत देती हैं कि विदेश नीति और सुरक्षा मामलों में भारत विरोधी रवैया अपनाने वाले देशों को अब अपने पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का सामना करना पड़ेगा.

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