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इस बार खास होने वाला है रक्षाबंधन का त्योहार, 95 साल बाद बन रहा दुर्लभ महासंयोग, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षाबंधन के त्योहार के दिन सौभाग्य योग सहित कई मंगलकारी योगों का निर्माण होने जा रहा है. इतना ही नहीं इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी नहीं रहेगा. 95 सालों के बाद इस त्योहार पर एक महासंयोग बनेगा जो बहुत दुर्लभ माना जा रहा है.

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हर साल सावन की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. ये भाई-बहन के प्यार और बंधन का प्रतीक है. इसे आम भाषा में "राखी" भी कहते हैं. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उन्हें गिफ्ट देते हैं साथ ही उनकी रक्षा का वादा भी करते हैं. ये त्योहार पूरे भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा.

ज्योतिष के मुताबिक, इस बार रक्षाबंधन पर दशकों बाद एक खास और दुर्लभ महासंयोग बन रहा है, जो आखिरी बार साल 1930 में बना था. आसान शब्दों में कहें तो साल 2025 में रक्षाबंधन की तारीख, पूर्णिमा तिथि, नक्षत्र और राखी बांधने का मुहूर्त लगभग 1930 जैसा ही है. इसके अलावा इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं. कहा जाता है कि अगर इन शुभ योगों में लक्ष्मी-नारायण जी की पूजा करके राखी बांधी जाए, तो इसका फल दोगुना मिलता है.

रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 2:12 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 9 अगस्त को दोपहर 1:24 मिनट पर होगा. हालांकि, 8 अगस्त को भद्रा दोपहर 2:12 मिनट से लेकर 9 अगस्त को तड़के रात 1:52 मिनट तक है. ऐसे में रक्षाबंधन का त्योहार 8 अगस्त नहीं, बल्कि 9 अगस्त को मनाया जाएगा.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 05:21 मिनट से लेकर दोपहर 01:24 मिनट तक रहेगा. इस समय तक बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं.

रक्षाबंधन का शुभ योग
इस साल रक्षाबंधन के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और भी खास बना रहे हैं. 9 अगस्त 2025 को सौभाग्य योग सुबह से शुरू होकर अगले दिन यानी 10 अगस्त रात 2:15 बजे तक रहेगा. सौभाग्य योग के बाद शोभन योग बनेगा. इसके साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग 9 अगस्त सुबह 5:47 बजे से दोपहर 2:23 बजे तक रहेगा. श्रवण नक्षत्र भी दोपहर 2:23 बजे तक रहेगा. इसके अलावा, करण योग में बव और बालव जैसे शुभ करण भी बन रहे हैं.

साल 1930 में रक्षाबंधन पर ऐसा था पंचाग
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 1930 में रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया गया था और उस दिन भी शनिवार था. उस दिन पूर्णिमा तिथि दोपहर 2:07 बजे शुरू हुई थी. खास बात यह है कि 2025 में भी पूर्णिमा तिथि लगभग इसी समय यानी दोपहर 2:02 बजे शुरू होगी, यानी सिर्फ 5 मिनट का फर्क है. साल 1930 में भी रक्षाबंधन के दिन सौभाग्य योग और श्रवण नक्षत्र था, और बव व बालव करण का संयोग भी बना था. ऐसे में 95 साल बाद, 2025 में रक्षाबंधन फिर से बिल्कुल वैसी ही तिथि, वार, नक्षत्र और योग में मनाया जाएगा.

 

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