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‘ये मेरे बस की बात नहीं…’, खेसारी लाल यादव ने राजनीति से की तौबा, विधानसभा चुनाव में मिली थी करारी हार

Bihar Election Result 2025: छपरा सीट से चुनाव हारने के बाद खेसारी लाल का रुख बदल गया है. चुनाव प्रचार में बड़े दावे करने वाले खेसारी अब कह रहे हैं कि उनका राजनीति में आने का इरादा कभी था ही नहीं और वह दिल से फैसले लेते हैं, इसलिए राजनीति उनके बस की नहीं.

Khesari Lal yadav (File Photo)

बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुरी सुपरस्टार से नेता बनने की राह पर निकले ‘ट्रेंडिंग स्टार’ खेसारी लाल यादव को पहले ही चरण में बड़ा झटका लगा है. छपरा विधानसभा सीट से आरजेडी (RJD) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे खेसारी को बीजेपी (BJP) की प्रत्याशी छोटी कुमारी (Choti Kumari) ने करारी शिकस्त दी. छोटी कुमारी ने उन्हें करीब 8 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया. चुनावी नतीजों के बाद खेसारी लाल यादव के सुर भी बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. चुनावी सभाओं के दौरान वह जहां किस्मत की लकीरें बदलने और ब्रह्मा की लिखी तकदीर मिटा देने जैसे बड़े-बड़े दावे करते दिखते थे, वहीं अब हार के बाद वह खुद को राजनीति की दुनिया से दूर बताते नजर आ रहे हैं. खेसारी का कहना है कि वह कभी राजनीति में आना ही नहीं चाहते थे.

अपनी बातों से पलट गए खेसारी 

खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yada) के रुख में अब बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. चुनावी मैदान में जीत के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी थी. दिन-रात प्रचार, स्टारडम का इस्तेमाल, विपक्ष पर तीखे वार और यहां तक कि अपनी ही इंडस्ट्री के कलाकारों पवन सिंह व दिनेश लाल यादव पर खुलकर निशाना साधा. इसके बावजूद जब नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो अब उनका बयान बिल्कुल विपरीत दिशा में जाता दिख रहा है. एक टीवी चैनल से बातचीत में खेसारी ने कहा कि वह दिल से फैसले लेते हैं, इसीलिए राजनीति जैसे क्षेत्र में टिक पाना उनके लिए मुश्किल है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका कभी भी नेता बनने का इरादा नहीं था और न ही वह राजनीति में आने के पक्ष में थे. खेसारी के अनुसार, जो व्यक्ति दिमाग से नहीं बल्कि दिल से सोचता हो, वह सत्ता और राजनीति की दुनिया में टिक ही नहीं सकता.

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खेसारी का बयान हुआ था वायरल

खेसारी लाल यादव के बदलते तेवर अब सोशल मीडिया पर नया मुद्दा बन गया है. हार के बाद दिए गए उनके बयानों ने कई यूजर्स को नाराज़ कर दिया है. लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान तो खेसारी अपनी पत्नी चंदा तक को प्रचार में आगे रखते थे, जीत का विश्वास जताते थे, लेकिन परिणाम आते ही सुर बदल गए. उनका पुराना वीडियो वायरल है जिसमें उन्होंने कहा था, 'अगर मैं चुनाव नहीं जीत पाया तो मेरा नाम बदल देना.' इस पर यूजर्स तंज कसते हुए पूछ रहे हैं, 'तो बताइए आपका नया नाम क्या रखें?' इसके अलावा भी कई तरह के कमेंट्स कर खेसारी के मज़े ले रहे हैं. 

हार के बाद भावुक हुए थे खेसारी 

वहीं, दूसरी ओर नतीजों के बाद खेसारी का एक भावुक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वह आंखों में नमी लिए जनता को धन्यवाद देते दिखे. खेसारी ने कहा कि वह हमेशा से लोगों के बीच एक बेटे की तरह रहना चाहते थे और आगे भी वही रिश्ता कायम रहेगा. उन्होंने स्वीकार किया कि टीम ने पूरी मेहनत की, लेकिन नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए. खेसारी ने हार-जीत को महत्वहीन बताते हुए कहा कि राजनीति उनके लिए कोई कारोबार नहीं था, बल्कि बिहार और छपरा की जनता के लिए एक सपना लेकर आए थे, जो इस बार पूरा नहीं हो पाया. उन्होंने विजयी प्रत्याशी को शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि जनता के लिए उनका प्यार और सम्मान हमेशा कायम रहेगा.

बताते चलें कि खेसारी लाल यादव की चुनावी हार ने जहां उनके राजनीतिक सफर पर एक तरह से बड़ा विराम लगा दिया है, वहीं उनके बदले सुर ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है. हालांकि, खेसारी अब भी खुद को जनता का बेटा बताते हुए आगे सामाजिक रूप से सक्रिय रहने की बात कर रहे हैं. आने वाले समय में वह राजनीति से दूर रहते हैं या फिर किसी नई भूमिका में नजर आते हैं, यह देखने वाली बात होगी.

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