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सेना के पराक्रम पर पूरे देश को फख्र है, पाक की औकात नहीं भारत के साथ बैठकर बात करे : जीतू पटवारी

जीतू पटवारी ने आगे कहा कि पाकिस्तान वह देश है जिसकी दुनिया में कोई हैसियत नहीं है, जो दूसरों के रहमो करम पर पलता है. वह भारत जैसे शक्तिमान देश के साथ बैठकर किसी की मध्यस्थता से बात करेगा, इससे भारत का सम्मान नहीं बढ़ेगा. भारत का सम्मान तो तब बढ़ता जब पाकिस्तान पूरी तरह घुटने टेक देता. ठीक वैसा ही होना चाहिए था जैसा इंदिरा गांधी के समय हुआ था.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद दोनों देश बात कर रहे हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्ध विराम पर सहमति भी बनी है. इसी बीच, कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि पाकिस्तान की हैसियत नहीं है कि वह भारत के साथ बैठकर बात करे.  


सेना के पराक्रम पर पूरे देश को फख्र है


कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सेना के पराक्रम और उसके शौर्य पर पूरे देश को फख्र है. सेना ने जिस तरह से नौ आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूत किया, वह सेना के शौर्य और साहस को बताता है. जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा भारत के रिहायशी इलाकों पर आक्रमण किया गया, उन्हें सेना ने निष्क्रिय किया. यह सेना का पराक्रम है, जो सैनिक शहीद हुए हैं, उनके प्रति सभी की संवेदना है.


पटवारी ने PM मोदी पर साधा निशाना 


पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज करते हुए कहा कि बीते 15 साल से पाक अधिकृत कश्मीर को लेने की बात कही जा रही है, एक के बदले दस सिर लाने की बात कही जाती है. वहीं चीन को भी सबक सिखाने का जिक्र प्रधानमंत्री करते हैं. आज लोगों को इंदिरा गांधी की याद आ रही है, जिन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश बना दिया था. इंदिरा गांधी थीं जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने जिस तरह का व्यवहार किया, उन्हें भी करारा जवाब दिया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया से यह जानकारी दी कि अमेरिका ने सीजफायर करा दिया. दोनों देश बैठकर बात करेंगे. इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकार थी, मगर उन्होंने मध्यस्थता स्वीकार नहीं की.


पाकिस्तान की दुनिया मे कोई हैसियत नहीं 


पटवारी ने आगे कहा कि पाकिस्तान वह देश है जिसकी दुनिया में कोई हैसियत नहीं है, जो दूसरों के रहमो करम पर पलता है. वह भारत जैसे शक्तिमान देश के साथ बैठकर किसी की मध्यस्थता से बात करेगा, इससे भारत का सम्मान नहीं बढ़ेगा. भारत का सम्मान तो तब बढ़ता जब पाकिस्तान पूरी तरह घुटने टेक देता. ठीक वैसा ही होना चाहिए था जैसा इंदिरा गांधी के समय हुआ था. पूरी सेना का समर्पण कराया गया था. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री जो कश्मीर लेने की बात करते थे, ले पाते तो देश का मान बढ़ता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह सरकार के निर्णय के साथ है और रहेगी. इतना ही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के व्यवहार से खुश नहीं हैं.

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