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भोपाल में गिरा ‘मछली साम्राज्य’ का आख़िरी किला: 22 करोड़ की कोठी पर चला बुलडोज़र

भोपाल में प्रशासन ने ड्रग सप्लाई और ब्लैकमेलिंग में लिप्त 'मछली परिवार' के घर पर बुलडोजर चला दिया. नोटिस के बाद खाली कराई गई संपत्ति को भारी सुरक्षा के बीच ध्वस्त किया गया.

राजधानी भोपाल में सालों से अपराध और डर का प्रतीक बने ‘मछली परिवार’ के साम्राज्य का आख़िरी किला भी गुरुवार को ध्वस्त कर दिया गया. ड्रग्स तस्करी, यौन शोषण, रंगदारी और हिंसा जैसे गंभीर आरोपों में घिरे इस परिवार की 22 करोड़ की आलीशान कोठी पर प्रशासन ने बुलडोज़र चलाया.

यह कार्रवाई भोपाल के आनंदपुर कोकता इलाके के वार्ड नंबर 62 में की गई, जहाँ मछली परिवार का लंबे समय से दबदबा रहा है. प्रशासन का कहना है कि यह तीन मंज़िला कोठी सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी.

200 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति पर पहले ही चल चुका है बुलडोज़र

करीब 23 दिन पहले, मछली परिवार के 200 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने की बड़ी कार्रवाई की गई थी. अब इस ताज़ा एक्शन को उनके साम्राज्य पर ‘फाइनल स्ट्राइक’ के रूप में देखा जा रहा है.

कौन है मछली परिवार?

मछली परिवार के नाम से कुख्यात यह गिरोह शारिक अहमद उर्फ मछली, सोहेल अहमद, शफीक अहमद और ड्रग्स पैडलिंग के मुख्य आरोपी यासीन शाहवर उर्फ मछली जैसे सदस्यों से जुड़ा है.

यासीन पर न केवल एमडी जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों की तस्करी का आरोप है, बल्कि महिलाओं के यौन शोषण और युवाओं के साथ बर्बर हिंसा जैसी वारदातों में भी उसका नाम सामने आ चुका है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, मछली परिवार वर्षों से इस इलाके में खौफ और सत्ता का प्रतीक बना रहा. कई बार लोग शिकायत दर्ज कराने से भी डरते थे.

पीड़ितों की जुबानी: “आज मुझे राहत मिली है”

मछली परिवार की दबंगई से परेशान रहे एक स्थानीय पीड़ित ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “मैं आज बहुत खुश हूँ... पटाखे भी लाया था, लेकिन नहीं फोड़े. राहत है कि सीएम मोहन यादव ने न्याय किया. पर आज भी पुलिस एक मंत्री के दबाव में है. मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. मैंने बताया था कि शारिक मछली ने मेरा अपहरण किया, रातभर पीटा और 50,000 रुपये लूट लिए. मुझ पर झूठे केस भी लगाए गए.”

सरकार का संदेश साफ: अपराध और अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में माफिया और अपराधियों के खिलाफ चल रही इस मुहिम को प्रदेश में "माफिया मुक्त अभियान" का हिस्सा माना जा रहा है. सरकार का संदेश साफ है  चाहे अपराधी कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, कानून से ऊपर कोई नहीं.

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