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AK-47 लेकर 22 घंटे पैदल चले आतंकी, फिर खेला खूनी खेल! पहलगाम हमले की जांच कर रही NIA को मिले अहम सुराग, कांपे दहशतगर्दों के पैर!

पहलगाम टेरर अटैक को लेकर NIA ने डांस शुरू कर दी है. इसी बीच NIA को बड़ी सफलता मिली है, जिससे आतंकियों की टेंशन बढ़ गई है. जो अहम सुराग NIA के हाथ लगी है उससे अब हमले के गुनहगार नहीं बच पाएंगे.

27 Apr, 2025
( Updated: 28 Apr, 2025
09:58 AM )
AK-47 लेकर 22 घंटे पैदल चले आतंकी, फिर खेला खूनी खेल! पहलगाम हमले की जांच कर रही NIA को मिले अहम सुराग, कांपे दहशतगर्दों के पैर!

पहलगाम टेरर अटैक की जांच अब एंटी-टेरर बॉडी, नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) के हाथों में है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद NIA ने इस मामले में औपचारिक रूप से जांच की शुरू कर दी है. अब खबर मिल रही है कि शुरुआती जांच में जांच एजेंसी को अहम सबूत मिले हैं.


मिल गया आतंकी हमले का मुख्य गवाह 

आतंकी हमले का मुख्य गवाह सामने आया है. ये गवाह घाटी का एक स्थानीय फोटोग्राफर है. ख़बर मिल रही है कि हमले के वक्त ये फोटोग्राफर अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया था. जिसके बाद उसने पूरे आतंकी हमले को रिकॉर्ड कर लिया. NIA का मानना है कि फोटोग्राफर के वीडियो इस मामले में अहम सुराग हैं. रिकॉर्डिंग के अनुसार, 'शुरुआत में दो आतंकवादी दुकानों के पीछे छिपे हुए थे. यही आतंकी सबसे पहले बाहर आए और इन्हीं आतंकियों ने लोगों से कलमा पढ़ने को कहा और बाद में 4 लोगों को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई और लोग इधर-उधर भागने लगे.' रिकॉर्डिंग की मानें तो इसी दौरान अन्य आतंकवादी जिप लाइन के पास से बाहर आए और गोलीबारी शुरू कर दी.


इधर सूत्रों के अनुसारआतंकी करीब 20 से 22 घंटे जंगलों में चलकर बैसरन घाटी में पहुंचेइसके बाद उन्होंने खूनी खेल खेला और हिंदुओं के खिलाफ घातक हमले को अंजाम दियाइतना ही नहीं फोरेंसिक विश्लेषण ने पुष्टि की है कि इस हमले में आतंकियों ने आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है. हमले में AK-47 और M4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया. इन हथियारों का कारतूस घटनास्थल से बरामद किया गया है. यह कारतूस सबूत के तौर पर बहुत अहम माने जा रहे हैं


आतंकियों के 14 सहूलतकारों के लिस्ट वायरल

इधर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर Times Algebra नाम के हैंडल ने एक पोस्ट जारी कर हलचल बढ़ा दी है. Algebra के इस पोस्ट के अनुसार भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 14 स्थानीय कश्मीरियों का नाम बताया है जिन्होंने पहलगाम हमले के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों को सहायता प्रदान की थी. इनमें मोहम्मद आदिल रहमान डेंटू (21), मोहम्मद आसिफ अहमद शेख (28), मोहम्मद अहसान अहमद शेख (23), मोहम्मद हारिस नज़ीर (20), मोहम्मद आमिर नज़ीर वानी (20), मोहम्मद यावर अहमद भट, मोहम्मद आसिफ अहमद खांडे (24), मोहम्मद नसीर अहमद वानी (21), मोहम्मद शाहिद अहमद कुटे (27), मोहम्मद अमीर अहमद डार, मोहम्मद अदनान सफ़ी डार, मोहम्मद जुबैर अहमद वानी (39), मोहम्मद हारून रशीद गनई (32), मोहम्मद जाकिर अहमद गनी (29) की नाम शामिल है. ये जानकारी सही है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है और NMF News इसकी पुष्टी नहीं करता है, जांच ऐजेंसी और पुलिस के आधिकारिक बयान का इंतज़ार है. 

प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ जारी 

वहीं दूसरी तरफ एंटी-टेरर बॉडी के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में NIA की टीमें प्रत्यक्षदर्शियों से लगातार पूछताछ कर रही हैं. ये वही लोग हैं जिन्होंने इस भयानक हमले को अपनी आंखों से देखा था. बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले को कश्मीर के सबसे दर्दनाक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है. 


इतना ही नहीं NIA आतंकवादियों के एक्शन प्लान के लिए इस्तेमाल हुए सुराग के लिए एंट्री और एग्जिट प्वाइंट की भी बारीकी से जांच कर रही हैं. फॉरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की मदद से टीमें पूरे इलाके की गहन जांच कर रही हैं, ताकि आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सबूत जुटाए जा सकें. 


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दरअसल22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 सैलानियों की मौत हो गई और कई लोगों घायल हैंपूरे मामले की सघन जांच करने के लिए NIA की टीम बुधवार से ही घटनास्थल पर मौजूद है और सबूतों की तलाश तेज कर दी गई है.

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