पंजाब में पराली जलाने के मामलों में दोगुनी बढ़ोतरी, अब तक 933 घटनाएं दर्ज
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार और बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए पंजाब के किसानों को अनुचित रूप से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
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चंडीगढ़: पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बीते एक सप्ताह के भीतर दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले 7 दिनों में राज्यभर में 580 नए मामले सामने आए हैं. सोमवार को एक दिन में 147 मामले दर्ज किए गए, जो इस सीजन का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा, जबकि मंगलवार को यह संख्या घटकर 43 रह गई.
कुल आंकड़ा पहुंचा 933 पर
15 सितंबर से 20 अक्टूबर तक यानी पहले 35 दिनों में पंजाब में सिर्फ 353 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन 21 अक्टूबर के बाद के एक सप्ताह में ही 580 नए मामले जुड़ गए. अब तक राज्य में पराली जलाने की कुल घटनाएं 933 तक पहुंच गई हैं. हालांकि, पिछले साल 2024 की तुलना में इस बार करीब 57% कम मामले सामने आए हैं.
302 किसानों पर एफआईआर दर्ज
सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के तहत अब तक पराली जलाने के मामलों में 302 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं 337 किसानों की जमीन के रिकॉर्ड पर रेड एंट्री की गई है, जिससे उन्हें आगे जमीन खरीदने-बेचने या बैंक से ऋण लेने में परेशानी आ सकती है. इसके अलावा 386 किसानों पर कुल 19 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीजेपी पर लगाएं आरोप
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार और बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए पंजाब के किसानों को अनुचित रूप से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
मान ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर पंजाब को बदनाम कर रही है. उन्होंने कहा "अगर पराली का धुआं दिल्ली तक जाता, तो हवा उत्तर से दक्षिण की ओर चलनी चाहिए, जो इस समय नहीं हो रही है"
पराली प्रबंधन के लिए सरकार किसानों को कर रही है प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार किसानों को पराली प्रबंधन के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है और वैकल्पिक उपायों पर काम कर रही है.
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