मुंबई में 'ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव' में पीएम मोदी का संबोधन, कहा- 2025 भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साल
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज यहां 85 से अधिक देशों की भागीदारी अपने आप में एक बहुत बड़ा संदेश दे रही है. यह न केवल भारत की मैरीटाइम शक्ति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक समुद्री समुदाय के साथ भारत की साझेदारी और नेतृत्व को भी रेखांकित करता है. सम्मेलन में मौजूद हर लीडर हमारे साझा संकल्प के प्रतीक हैं."
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आयोजित 'ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव' में भाग लिया और संबोधित किया. उन्होंने भारत के मैरीटाइम सेक्टर की प्रगति पर गर्व जताते हुए कहा कि 2025 भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक वर्ष साबित हो रहा है.
PM मोदी ने 'ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव' में भाग लिया
The maritime sector is driving India's growth. Over the last decade, it has transformed significantly, boosting trade and port infrastructure. Addressing the Maritime Leaders Conclave in Mumbai. https://t.co/09OG8ZTWRl
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2025
उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 85 से अधिक देशों की भागीदारी और अरबों रुपए के प्रोजेक्ट्स के साथ ही एमओयू, इस क्षेत्र में भारत के बढ़ते वैश्विक विश्वास के प्रमाण हैं.
पीएम मोदी ने कहा, "मैं आप सभी का ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव में अभिनंदन करता हूं. साल 2016 में मुंबई में ही इस आयोजन की शुरुआत हुई थी. आज यह समिट एक ग्लोबल इवेंट बन गई है. पहले यह एक राष्ट्रीय आयोजन था, लेकिन आज यह वैश्विक स्तर पर समुद्री नीति, व्यापार और तकनीक पर चर्चा का प्रमुख मंच बन चुका है."
'ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव' में 85 से अधिक देशों ने लिया भाग
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज यहां 85 से अधिक देशों की भागीदारी अपने आप में एक बहुत बड़ा संदेश दे रही है. यह न केवल भारत की मैरीटाइम शक्ति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक समुद्री समुदाय के साथ भारत की साझेदारी और नेतृत्व को भी रेखांकित करता है. सम्मेलन में मौजूद हर लीडर हमारे साझा संकल्प के प्रतीक हैं."
सम्मेलन के दौरान समुद्री क्षेत्र से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ और लाखों-करोड़ों रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
समुद्री क्षेत्र में बढ़ेगी सुरक्षा
पीएम मोदी ने कहा, "यह दिखाता है कि भारत के मैरीटाइम सामर्थ्य पर दुनिया को कितना विश्वास है. इन समझौतों में बंदरगाह विकास, शिपबिल्डिंग, ग्रीन शिपिंग, डिजिटल नेविगेशन और समुद्री सुरक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं."
उन्होंने जोर देकर कहा, "21वीं सदी के इस कालखंड में भारत का मैरीटाइम सेक्टर तेज गति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है. साल 2025 भारत के मैरीटाइम सेक्टर के लिए बहुत अहम साल रहा है."
भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा शिप रिसाइक्लिंग हब बना
उन्होंने सागरमाला परियोजना, स्वदेशी शिपबिल्डिंग, ब्लू इकोनॉमी और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण का जिक्र करते हुए बताया कि भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा शिप रिसाइक्लिंग हब बन चुका है. भारत न केवल अपने बंदरगाहों को विश्वस्तरीय बना रहा है, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में भी अहम भूमिका निभा रहा है. हम ग्रीन शिपिंग और डिजिटल पोर्ट्स की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं.
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उन्होंने भारत के साथ मिलकर समुद्री व्यापार को सुरक्षित, सतत और समावेशी बनाने का आह्वान किया.
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