कंधे पर हाथ रखकर कराई एंट्री, फिर कतर दिए पर, अब दी नई उड़ान... BSP में आकाश होंगे सर्वेसर्वा! जानें भतीजे पर मायावती की कृपा की वजह
BSP चीफ मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी ज़िम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय संयोजक बना दिया है. ये पद BSP ने पहली बार बनाया है. राष्ट्रीय संयोजक का पद मायावती के बाद दूसरा सबसे बड़ा और पावरफुल पद है. पार्टी के सभी नेता, कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिकारी मायावती के बाद आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे.
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साल 2016, एक युवा ने राजनीति में कदम रखा और उसको आशीर्वाद मिला यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का. मायावती ने उस युवा का हाथ पकड़ा, आगे बढ़ाया, राजनीति से साक्षात्कार करवाया. घोषणा हुई कि आगे चलकर वो ही मायावती की बहुजन समाज पार्टी का उत्तराधिकारी बनेगा. मायावती को उस लड़के में अपना अक्स दिखा या फिर BSP सुप्रीमो उसे इस तरह से तैयार करना चाहती थीं कि आगे चलकर मायावती के बाद वही लड़का ही पार्टी का सर्वेसर्वा बने. अब 8 साल बाद इसके संकेत दे दिए हैं. वो लड़का आकाश आनंद है, जिन्हें मायावती ने नंबर 2 की पोजिशन दी है. यानी मायावती के बाद उनके भतीजे आकाश आनंद ही पार्टी के कर्ता धर्ता होंगे. अपने 8 सालों के राजनीतिक सफ़र में आकाश ने कई उतार चढ़ाव देखे. जानिए आकाश आनंद के इस सफ़र और फ़ैसले का 2027 कनेक्शन.
बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी ज़िम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बना दिया है. ये पद BSP ने पहली बार बनाया है. आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद के बेटे हैं. राष्ट्रीय संयोजक का पद मायावती के बाद दूसरा सबसे बड़ा और पावरफुल पद है. पार्टी के सभी नेता, कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिकारी मायावती के बाद आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे.
राष्ट्रीय संयोजक बनने के बाद आकाश के लिए क्या बदला?
इससे पहले आकाश BSP में चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे. जबकि राष्ट्रीय संयोजक का पद पार्टी अध्यक्ष के पद के समान है. ये पद मिलने के बाद आकाश केंद्र से लेकर राज्य तक की सभी ईकाई, कार्यकारिणी समितियों का समीक्षा और मैनेज करेंगे. इसमें सभी प्रदेश अध्यक्षों, केंद्रीय और राज्यों के सभी कोऑर्डिनेटर के काम की समीक्षा करेंगे और सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे. इसके साथ साथ आकाश आनंद पार्टी की रणनीति और प्लानिंग पर नज़र रखने के साथ साथ रणनीति बनाने में भी शामिल होंगे. इससे पहले आकाश कोऑर्डिनेटर के तौर पर राष्ट्रीय संयोजक के निर्देशों को मान रहे थे.
आकाश पर कब-कब मेहरबान हुईं बुआ और कब लिया एक्शन?
- 10 दिसंबर, 2023 को मायावती ने आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाया
- 7 मई 2024 को मायावती ने आकाश से उत्तराधिकारी पद के साथ सभी ज़िम्मेदारियां छीन लीं
- इसकी वजह आकाश के एग्रेसिव बयानों और BJP के ख़िलाफ़ आक्रामक रुख़ को माना गया
- 23 जून 2024 को आकाश को फिर से उत्तराधिकारी बनाने के साथ-साथ नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई
- 2 मार्च 2025 को फिर आकाश पर एक्शन हुआ और उनसे सारे पद छीन लिए गए
- इसके दूसरे दिन 3 मार्च 2025 को मायावती ने आकाश को पार्टी से ही बाहर कर दिया
- इस दौरान मायावती ने भतीजे को अहंकारी, स्वार्थी और राजनीतिक तौर पर इमैच्योर बताया
- 18 मई 2025 को मायावती ने आकाश को माफ़ करते हुए वापस उन्हें चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर की ज़िम्मेदारी दी
आकाश के साथ BSP में नई टीमें भी गठित
2027 यूपी चुनावों को देखते हुए मायावती एक बार फिर पार्टी को मज़बूत करने में जुट गई हैं. नई टीम में 3 नहीं 6 नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं. आकाश आनंद मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर हैं तो उनके साथ रामजी गौतम, राजाराम, रणधीर सिंह बेनीवाल, लालजी मेधांकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया है.
BSP का सियासी वजूद बचाने की कवायद
एक समय था जब उत्तर प्रदेश में BSP का मज़बूत जनाधार था. मायावती ने चार बार मुख्यमंत्री की कमान संभाली. पहली बार 1995 में अल्पकालिक गठबंधन सरकार में यूपी की मुख्यमंत्री बनीं
दूसरी बार साल 1997 में बीजेपी के साथ गठबंधन में रोटेशन के तहत 6 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनी 2002 से 2003 तक BJP के साथ गठबंधन में मायावती फिर मुख्यमंत्री बनीं. साल 2007 में बसपा का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा और 206 सीटों के साथ सरकार बनाई.
साल 2012 में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की और BSP सत्ता से बाहर हो गईं. इसके बाद BSP का जनाधार लगातार सिमटता चला गया. पार्टी वापस कभी 2007 जैसी स्थिति में नहीं आई. लोकसभा चुनावों में पार्टी ने पूरी ताक़त के साथ चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी. जबकि 2019 में BSP के पास लोकसभा की 10 सीटें थीं. दिल्ली चुनावों में भी BSP ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटें हार गईं.
आकाश ने लंदन से लौटकर बुआ से सीखी राजनीति की ABCD
- आकाश आनंद का जन्म 1995 में नोएडा में हुआ था
- आकाश आनंद ने लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ से MBA किया
- 2016 में भारत लौटकर पिता का बिज़नेस संभाला
- इसी साल उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने का फ़ैसला लिया
- साल 2016 में ही मायावती ने एक बैठक में आकाश को उत्तराधिकारी घोषित किया
- एक साल तक बुआ से राजनीति की बारिकियां सीख रहे आकाश सार्वजनिक तौर पर सामने आए
पिछले 10-15 वर्षों में BSP ने काफ़ी कमजोर होती चली गई. अब यूपी चुनाव से क़रीब डेढ़ साल पहले मायावती के लिए सियासी वजूद वापस पाना ज़रूरी हो गया. भतीजे आकाश पर एक बार फिर से भरोसा जताने और पार्टी में नई जान फूंकने के लिए मायावती फिर से एक्टिव हो गई हैं. साथ ही साथ पार्टी की कमान युवा नेतृत्व के हाथ में देनी भी ज़रूरी है ऐसे में आकाश ही उन्हें बेहतर ऑप्शन नज़र आए. अब देखने होगा बुआ की राजनीतिक विरासत को भतीजे आकाश किस तरह मैनेज और पार्टी में हुए बड़ेे डैमेज को कैसे कंट्रोल करते हैं.
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