सबरीमाला मंदिर 'सोने की चोरी' विवाद: भाजपा ने सीबीआई जांच की मांग की, 7 अक्टूबर को करेगी विरोध प्रदर्शन
कृष्णदास ने आरोप लगाया कि सबरीमाला मंदिर की संरचनाओं पर सोने की परत चढ़ाने से जुड़े विवाद ने प्रशासन में गहरे कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है.
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भाजपा ने शनिवार को घोषणा की कि सबरीमाला मंदिर के 'गोल्ड प्लेटिंग विवाद' मामले को वो गंभीर मानती है और इस मुद्दे को लेकर वो सड़क पर उतरेगी. पार्टी ने केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि ये 'सोने की चोरी' है.
सबरीमाला मंदिर में ‘सोने की चोरी’ मामला
हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर को हिलाकर रख देने वाले नए विवाद की सीबीआई जांच की मांग पहले ही कर दी है. वरिष्ठ भाजपा नेता पी.के. कृष्णदास ने कहा कि पार्टी अपने विरोध प्रदर्शन के तहत 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के आवास तक मार्च निकालेगी.
उन्होंने कहा, "अगर सरकार मानती है कि उसे डरने की कोई जरूरत नहीं है, तो उसे तुरंत इस घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए. अन्यथा, भाजपा अदालत का रुख करेगी."
प्रशासन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
कृष्णदास ने आरोप लगाया कि सबरीमाला मंदिर की संरचनाओं पर सोने की परत चढ़ाने से जुड़े विवाद ने प्रशासन में गहरे कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है.
उन्होंने कहा, "चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. सबरीमाला में जो हुआ वह महज अनियमितता नहीं, बल्कि सोने की चोरी थी. तथाकथित स्पॉन्सरशिप के पीछे करोड़ों रुपये की लूट हुई."
भाजपा नेता ने देवस्वओम बोर्ड और राज्य सरकार पर लगाया हेराफेरी का आरोप
भाजपा नेता ने दावा किया कि देवस्वओम बोर्ड और राज्य सरकार इस हेराफेरी में शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया, "सिर्फ बिचौलिए ही नहीं, देवस्वोम बोर्ड और सत्ता में बैठे लोगों ने भी इस लूट में मदद की. उन्हें भी अपना हिस्सा मिला."
कृष्णदास ने देवस्वोम मंत्री के इस्तीफे और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड को भंग करने की मांग की. उन्होंने दोनों पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से स्वतंत्र एक निष्पक्ष एजेंसी को जांच करनी चाहिए.
विजय माल्या द्वारा दान किए गए 30 किलोग्राम सोने का क्या हुआ?
उन्होंने यह भी दावा किया कि सन्निधानम से महत्वपूर्ण दस्तावेजों और कीमती सामानों की तस्करी के लिए एक बड़ी चोरी हुई थी. उन्होंने कहा, "सरकार और देवस्वोम बोर्ड को यह बताना चाहिए कि यूबी समूह के पूर्व अध्यक्ष विजय माल्या द्वारा दान किए गए 30 किलोग्राम सोने का क्या हुआ."
कृष्णदास ने यह भी सवाल उठाया कि 2019 में द्वारपालक पैनलों के वजन में देखी गई विसंगतियों की कभी जांच क्यों नहीं की गई? उन्होंने कहा, "यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक लीपापोती है."
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