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दूसरे देश में पुतिन की पॉटी तक नहीं छोड़तीं रुसी सुरक्षा एजेंसियां, सामने आया 'पूप सूटकेस' का राज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में मुलाकात हुई थी. अमेरिकी क्षेत्र में हुई इस बैठक के दौरान न केवल पुतिन कड़ी सुरक्षा में रहे बल्कि इस बात का भी खास ध्यान रखा गया था कि उनका मल-मूत्र तक अलास्का में न छोड़ा जाए. इसके लिए रूसी राष्ट्रपति के बाडीगार्ड एक विशेष सूटकेस लेकर गए थे.

पुतिन की सेहत को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं. पिछले वर्ष नवंबर में कजाखस्तान में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान उनके पैरों की हरकत और 2023 में बेलारूस के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान कुर्सी पर पुतिन के झटके लेने जैसी घटनाओं से उनकी सेहत को लेकर तमाम अटकलें लगाई गई थीं. पार्किंसन जैसी बीमारी होने तक का संदेह जताया गया था. यही वजह है कि सुरक्षा और गोपनीयता को देखते हुए उनका मल-मूत्र तक किसी दूसरे देश में नहीं छोड़ा जाता.

"पूप सूटकेस" लेकर पहुंचे पुतिन की सुरक्षा में तैनात गार्ड्स 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा दुनिया भर में हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है. लेकिन उनकी सुरक्षा केवल बुलेटप्रूफ कार, स्पेशल कमांडोज़ या हाई-टेक हथियारों तक ही सीमित नहीं है. पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था में एक बेहद अनोखा और सख्त प्रोटोकॉल भी शामिल है. उनका मल-मूत्र विदेश में नहीं छोड़ा जाता. हाल ही में अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की मुलाक़ात के दौरान इसका एक उदाहरण सामने आया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन के साथ उनके बाडीगार्ड्स एक विशेष "पूप सूटकेस" लेकर पहुंचे थे. यह सूटकेस किसी दस्तावेज़ या हथियार के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रपति का मल-मूत्र सुरक्षित रखने के लिए था. इसे पैक कर सीधे रूस ले जाया जाता है.

इस अजीब लगने वाले प्रोटोकॉल के पीछे बेहद गंभीर वजह है. सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी भी व्यक्ति के मल-मूत्र या अन्य जैविक नमूनों से उसकी बीमारियों, दवाइयों और यहां तक कि डीएनए की जानकारी तक हासिल की जा सकती है. रूस को आशंका रहती है कि अगर पुतिन का बायोलॉजिकल डेटा किसी विदेशी शक्ति के हाथ लग गया तो इसका इस्तेमाल राजनीतिक और रणनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा सकता है. पुतिन की सुरक्षा के ऐसे इंतज़ाम सिर्फ मल-मूत्र तक सीमित नहीं हैं. उनके विदेश दौरों पर अक्सर उनके लिए खास पोर्टेबल टॉयलेट्स ले जाए जाते हैं, ताकि उन्हें सार्वजनिक रेस्ट रूम इस्तेमाल न करना पड़े. उनके भोजन की सुरक्षा के लिए स्पेशल फूड-टेस्टर्स मौजूद रहते हैं, जो हर खाने-पीने की चीज़ को पहले जांचते हैं. उनकी कारें बुलेटप्रूफ और कई बार डिकॉय काफिले का हिस्सा होती हैं ताकि किसी को अंदाज़ा न हो सके कि पुतिन किस गाड़ी में हैं. वहीं, जिस जगह वे जाते हैं वहां पहले से स्नाइपर्स और इलेक्ट्रॉनिक जैमर तैनात कर दिए जाते हैं.

रूस में पुतिन राष्ट्रीय शक्ति और स्थिरता का प्रतीक

दरअसल, रूस में पुतिन केवल राष्ट्रपति नहीं बल्कि राष्ट्रीय शक्ति और स्थिरता का प्रतीक हैं. उनकी सेहत और छवि का सीधा असर रूस की घरेलू राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर पड़ता है. पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव और जियोपॉलिटिकल टकराव को देखते हुए रूस किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता. यही वजह है कि पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था में "पूप सूटकेस" से लेकर भोजन और यात्रा तक हर चीज़ पर बेहद सख्त नियंत्रण रखा जाता है.

इस पूरी व्यवस्था से साफ है कि दुनिया के तमाम बड़े नेताओं में पुतिन की सुरक्षा सबसे रहस्यमय और सबसे सख्त मानी जाती है. शायद यही वजह है कि उन्हें "सबसे सुरक्षित नेता" कहा जाता है और रूस उनकी सेहत और निजता को लेकर कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देता.

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