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4 महीने, 44 लाख की लागत, कोटा में जलेगा दुनिया का सबसे ऊंचा ‘रावण’, वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा ये दशहरा

हर साल की तरह इस बार भी कोटा के रावण दहन का सबको इंतजार है. क्योंकि यहां सबसे अलग, भव्य और विशालकाय रावण का पुतला दहन किया जाता है और इस बार तो सभी रिकॉर्ड टूटने वाले हैं. कोटा में 221 फीट ऊंचा रावण का पुतला दहन किया जाएगा.

देशभर में दुर्गा पूजा और विजयदशमी को लेकर उत्साह का माहौल है. रावण दहन की तैयारियां हो रही हैं. कारीगर रावण के छोटे पुतले से लेकर बड़े पुतलों को अंतिम रूप दे चुके हैं. हर साल की तरह इस बार भी कोटा के रावण दहन का सबको इंतजार है. क्योंकि यहां सबसे अलग, भव्य और विशालकाय रावण का पुतला दहन किया जाता है और इस बार तो सभी रिकॉर्ड टूटने वाले हैं. 

कोटा के रावण दहन कार्यक्रम में इस बार इतिहास रचा जाएगा. विश्व प्रसिद्ध कोटा के 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेले में रावण का सबसे बड़ा पुतला दहन किया जाएगा. 221 फीट ऊंचा ये पुतला 4 महीने में तैयार किया गया है. देश ही नहीं यह दुनिया का सबसे ऊंचा पुतला होगा. 

विशालकाय रावण के पुतले को बनाने में 44 लाख खर्च 

दुनिया के सबसे ऊंचे पुतले के दहन के लिए कोटा के दशहरा मैदान में सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. 29 सितंबर को क्रेन की मदद से इस विशाल पुतले को मैदान में खड़ा किया गया. इस प्रक्रिया में टीम को करीब 4 से 5 घंटे का समय लगा. बताया जा रहा है इस पुतले के निर्माण में 44 लाख रुपए की लागत आई है. इस पुतले का वजह करीब 13 हजार किलो है. यह पूरी तरह से लोहे के स्ट्रक्चर पर बना है. दुनिया का ये सबसे ऊंचा पुतला बेहद लंबा है. इसलिए यह काफी स्लिम है. रंग-बिरंगी लाइट से सजे चेहरे पर बड़ी-बड़ी मूंछें हैं. रावण के कपड़े लाल, हरे और नीले हैं. 

वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा कोटा का 132वां दशहरा मेला 

इससे पहले भी साल 2019 में चंडीगढ़ में रावण का 221 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया था, लेकिन उसका दहन नहीं हो पाया. क्योंकि ये विशालकाय पुतला मैदान में रखते समय ऊंचाई की वजह से टूट गया. इसके बाद कोटा में पहली बार 221 फीट का पुतला तैयार किया गया है और क्रेन की मदद से इसे मैदान में स्थापित भी कर दिया गया. विशालकाय रावण दहन के चलते कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड्‌र्स और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड्‌र्स में दर्ज हो जाएगा. 

वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम पहुंची कोटा 

कोटा की दशहरा मेला समिति से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली से कई टीमों ने इस पुतले का मेजरमेंट लिया. इन टीमों में एशिया रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड के एक्सपर्ट शामिल थे. इसके बाद ये रावण दहन ऑफिशियली वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा. 

कोटा सांसद ओम बिरला ने क्या कहा? 

2 अक्टूबर को होने वाले इस रावण दहन पर दूरे देश और दुनिया की निगाहें हैं. वहीं, कोटा के सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी 132वें दशहरा मेले को भव्य बनाने के लिए कई सुझाव दिए थे. उनके सुझावों के अनुसार, कार्यक्रम में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. 

रिमोट कंट्रोल सिस्टम से होगा रावण दहन 

बताया जा रहा है 15 हजार ग्रीन पटाखों से विशालकाय रावण को दहन किया जाएगा. इसके साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण के भी 60-60 फीट के पुतले भी जलेंगे. सभी पुतलों को दहन करने के लिए रिमोट कंट्रोल सिस्टम लगाए गए हैं. इस ऐतिहासिक दशहरा मेले के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. साथ-साथ सुरक्षा भी चाक-चौबंद है. 

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