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Rajasthan: दौसा में सब-इंस्पेक्टर की मौत पर परिजनों का धरना, 5 करोड़ मुआवजे की मांग, विधायक बैरवा ने सरकार पर साधा निशाना

विधायक बैरवा ने राजेंद्र सैनी की मौत को हाल ही में रद्द हुई सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा से जोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही भर्ती रद्द करके बड़ा हादसा कर दिया था, और इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है.

17 Sep, 2025
( Updated: 07 Dec, 2025
01:45 AM )
Rajasthan: दौसा में सब-इंस्पेक्टर की मौत पर परिजनों का धरना, 5 करोड़ मुआवजे की मांग, विधायक बैरवा ने सरकार पर साधा निशाना

राजस्थान के दौसा रेलवे जंक्शन के पास सोमवार देर रात मालगाड़ी की चपेट में आने से सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी की मौत हो गई थी. मृतक के परिजन मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर जिला अस्पताल में धरने पर बैठे हैं. उन्होंने मांगें पूरी होने तक सैनी के शव का पोस्टमॉर्टम कराने से भी इनकार कर दिया है.

एसआई मौत के बाद परिजनों का धरना

ग्रामीणों के इस विरोध प्रदर्शन में दौसा विधायक दीनदयाल बैरवा भी शामिल हो गए. उन्होंने सरकार और प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है. विधायक ने कहा कि इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद कोई भी सरकार का प्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा.

विधायक बैरवा ने सरकार पर उठाए सवाल 

विधायक बैरवा ने राजेंद्र सैनी की मौत को हाल ही में रद्द हुई सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा से जोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही भर्ती रद्द करके बड़ा हादसा कर दिया था, और इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब 785 निर्दोष सब-इंस्पेक्टरों में से एक, राजेंद्र सैनी, ने अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली, तो कोई भी सरकार का प्रतिनिधि बोलने को तैयार नहीं था.

भर्ती रद्द होने के मामले में कोर्ट से राहत 

उन्होंने कहा कि भर्ती रद्द होने के मामले में कोर्ट ने थोड़ी राहत दी है, लेकिन सरकार के स्तर पर इस पर कोई बात नहीं हो रही है. उन्होंने मांग की कि जब तक सरकार और प्रशासन की तरफ से न्याय नहीं मिलेगा, तब तक धरना जारी रहेगा.

विधायक ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में धरना और बढ़ाया जाएगा.

एसडीएम ने की धरनार्थियों से बात 

वहीं मंगलवार को एसडीएम मूलचंद लूणिया ने धरनार्थियों से बात की थी. इस दौरान एक परिजन को नौकरी और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि पर सहमति बन गई, लेकिन मुआवजे की मांग पर बात अटक गई है.

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धरने पर बैठे परिजनों और ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें 5 करोड़ रुपए के मुआवजे का चेक नहीं मिलेगा, तब तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे. इस बीच, जिला अस्पताल की मोर्चरी और परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.

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