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स्कूल में 'PDA पाठशाला', प्रचार के लिए बच्चों का इस्तेमाल, सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दर्ज की FIR

यूपी सरकार के स्कूल मर्जर के फैसले के खिलाफ राज्य में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. अब इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों को शामिल करने के आरोप में भदोही पुलिस ने समाजवादी पार्टी से जुड़े दर्जन भर लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

सपा कार्यकर्ता जगह-जगह स्कूल मर्जर के विरोध में 'पीडीए पाठशाला' चला रहे हैं. इसमें स्कूली बच्चों को ए फॉर अखिलेश, डी फॉर डिंपल, एम फॉर मुलायम जैसे शब्द पढ़ाए जा रहे हैं. इसको लेकर राज्य की बीजेपी सरकार ने कड़ा विरोध जताया है. 

छात्रों को टॉफी का लालच देकर विरोध प्रदर्शन में शामिल कराए जाने का आरोप 

भदोही के डीएम शैलेश कुमार ने बताया कि औराई प्रखंड के सिकंदरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के 40 छात्रों को उनके अभिभावकों की सहमति से पास के पिलखनी गांव (जो लगभग 800 मीटर दूर है) में एक खाली पड़े आंगनवाड़ी केंद्र में शिफ्ट किया गया है. डीएम ने बताया कि बुधवार को स्थानीय समाजवादी पार्टी की नेता और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी अंजनी सरोज अपने समर्थकों के साथ आंगनवाड़ी केंद्र गईं और बच्चों को पेंसिल, रबर और अन्य सामान बांटे. बाद में उन्होंने कथित तौर पर छात्रों को टॉफियों का लालच दिया, उन्हें सपा के बैनर और पोस्टर दिए और फिर सिकंदरा प्राथमिक विद्यालय तक विरोध मार्च में ले गईं.

डीएम शैलेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी और उप-मंडलाधिकारी द्वारा की गई, जिसके बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक ने चौरी थाने में शिकायत दर्ज कराई. अंजनी सरोज और अन्य के खिलाफ गुरुवार शाम मामला दर्ज किया गया. सरोज के खिलाफ विद्यालय में बच्चों से पार्टी का प्रचार करवाने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है .

5000 से ज़्यादा सरकारी स्कूलों को मर्ज करने की योजना पर राजनीति

अधिकारियों ने बताया कि मामले में कथित लापरवाही को देखते हुए औराई के सहायक शिक्षा अधिकारी रमाकांत सिंगरौल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. चौरी के थाना प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि प्रधानाध्यापक सभाजीत यादव की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं, थाना प्रभारी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के कथित वीडियो में सपा नेता अंजनी सरोज के साथ देखे गए अन्य लोगों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं. मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 5000 से ज़्यादा सरकारी स्कूलों को मर्ज करने की योजना पर राजनीति तेज हो गई है. प्रदेश सरकार के अनुसार, यह कदम छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए था, लेकिन सपा-कांग्रेस आदि दलों ने इसे गरीब बच्चों के खिलाफ बताया. इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने 'पीडीए पाठशाला' शुरू कर दी है, जिसके तहत पार्टी नेता अलग-अलग जिलों में क्लास लगा रहे हैं.

उधर, इस पूरे मामले नें सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि पाठशाला क्यों बंद किया गया. बीजेपी शिक्षा को क्यों छीन रही है. ये तो कानून है कि बच्चों को शिक्षा मिले. बच्चों के स्कूलों को दूर कर रहे हैं. बीजेपी स्कूलों को सिर्फ बंद करना चाहती है. बीजेपी सिर्फ वोट लेने में लगी हुई है. पीडीए के लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है, इसलिए पीडीए स्कूल चल रहे हैं. अब A फॉर APPLE पढ़ें या फिर A फॉर कोई और नाम पढ़ें, क्या फर्क पड़ता है. बच्चे कम से कम कुछ पढ़ तो रहे हैं.

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