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PM मोदी की बैक-टू-बैक बैठकों से थर-थर कांप रहा पाकिस्तान, क्या सच होने वाला हैं PAK मंत्रियों का दावा!

राजधानी दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह समेत सेना के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे है लेकिन इस बातचीत के चलते घबराहट दिल्ली से 690 किलोमीटर दूर इस्लामाबाद में हो रही है. क्योंकि पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि भारत कभी भी उसके ऊपर सैन्य कार्रवाई कर सकता है

भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जो अपनी धरती पर आतंकियों को पालने पहुंचने के बाद उसे भारत में दहशतगर्दी के लिए हमेशा से भेजता आया है. लेकिन इस बार पहलगाम हमले ने पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है, आतंकी हमले के बाद भारत की सरकार लगातार एक्शन मोड में है. राजधानी दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह समेत सेना के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे है लेकिन इस बातचीत के चलते घबराहट दिल्ली से 690 किलोमीटर दूर इस्लामाबाद में हो रही है. क्योंकि पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि भारत कभी भी उसके ऊपर सैन्य कार्रवाई कर सकता है. बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NSA, CDS और तीनों सेना के प्रमुखों के साथ बैठक की और बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 बड़ी मीटिंग की. यह सारी गतिविधि देश की राजधानी दिल्ली में हुई. आइए अब आपको इन बैठकों के बारे में थोड़ा समझाने की कोशिश करते हैं, जिसके चलते पाकिस्तान की हालत नाजुक हो गई है.

राजधानी दिल्ली में सबसे पहली कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक बुधवार के सुबह हुई, इसके बाद एक हफ्ते में दूसरी बार फिर इस कमेटी की बैठक हुई. आपको याद होगा कि पहलगाम हमले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी दौरे पर थे, लेकिन जैसे ही उन्हें इस आतंकी हमले की जानकारी मिली वह अपना विदेशी दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे और उन्होंने इस CCS की बैठक की, इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कुछ आम मंत्री शामिल हुए. यही बैठक थी जिसके बाद पाकिस्तान के ऊपर भारत की पलटवार वाली कार्रवाई शुरू हुई. इस बैठक में पांच कड़े फैसले लिए गए. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण सिंधु जल संधि को स्थगित करने वाला फैसला था. जिसने पाकिस्तान की 24 करोड़ आवाम को सीधे चोट पहुंचाने का काम किया. 

बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले भी हुई थी बैठक

इसके बाद कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलीटिकल अफेयर्स की मीटिंग सुबह 11:20 पर हुई. CCPA को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें टॉप मिनिस्टर ही शामिल होते हैं, आपको बताते चलें कि CCPA की अंतिम बैठक साल 2019 में हुई थी, जिसके बाद पुलवामा हमले का जवाब देते हुए भारत की सेना ने बालाकोट एयरस्ट्राइक किया था. ऐसे में अब एक बार फिर इस तरह की बैठक इस बात का पूरा संकेत दे रही है कि पाकिस्तान पर एक्शन के लिए भारत का प्लान पूरी तरीके से तैयार है. जो कभी भी अमल में लाया जा सकता है. इसी तरह तीसरी बैठक CCEA यानी कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की हुई, इस मीटिंग में देश की आर्थिक हालात को सुधारने के लिए फैसले हुए लेकिन पहलगाम हमले के बाद इस कमेटी की बैठक के कई मायने हैं, इस कैबिनेट में भी टॉप मिनिस्टर होते हैं जो प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री के अलावा मुख्य विभागों के मंत्री शामिल होते हैं. 

NSAB का पुनर्गठन

आम दिनों में भी इस तरीके की बैठक होती है लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन बैठकों और मंत्रियों के आपसी आधिकारिक मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बकायदे साउथ ब्लॉक के वॉररूम में भी महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा गृहमंत्री अलग और रक्षा मंत्री अलग-अलग बैठकें लगातार कर रहे हैं. इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है. इस बोर्ड में सरकार के बाहर के सिक्योरिटी एक्सपर्ट भी होते हैं, यह सात सदस्यों वाला बोर्ड होता है, जिसमें सेना और सिविल सर्विस से जुड़े रिटायर्ड बड़े अधिकारी शामिल होते हैं. इस बोर्ड के पुनर्गठन के साथ ही पूर्व RAW चीफ आलोक जोशी को इस बोर्ड अध्यक्ष बनाया गया है. इनके अलावा पूर्व सदर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, मिलिट्री सर्विसेज केयर एडमिरल मोंटी खन्ना, रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर राजीव रंजन वर्मा, मनमोहन सिंह के पूर्व आईएफएस ऑफिसर भी वेंकटेश वर्मा और पूर्व वेस्टर्न और कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा इस बोर्ड के सदस्य है. केंद्र सरकार की यह सारे फैसले बता रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए भारत हर बिंदुओं का खास तौर से ध्यान रख रहा है. 

PAK सेना में खलबली

भारत की राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े मंत्रियों की इन बैठकों की तस्वीरों ने पाकिस्तान को गहरा आघात दिया है. खुद पाकिस्तान सरकार के मंत्री इस बात का दावा कर रहे हैं कि कुछ घंटे के अंदर भारत बड़ा हमला कर सकता है. यही वजह है कि पाकिस्तान सेना में खलबली मची हुई है. पाकिस्तान सेना के प्रमुख असीम मुनीर ने अपने परिवार को विदेश भगा दिया है और उनके भी गायब होने की चर्चा जोरों पर है, इसके अलावा पाकिस्तानी सेन में इस्तीफों की बाढ़ आ गई है.

सेना को सरकार से मिली खुली छूट

भारत सरकार की इन बैठकों के बाद पाकिस्तान का भविष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के हाथ में दे दिया है. कि वो तय करें कि जवाबी कार्रवाई कब और कैसे करनी है, वो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा मुसीबत बना है. क्योंकि सेना तो आमतौर पर दुश्मन पर कार्रवाई के लिए हमेशा अपनी पूरी ताक़त और जोश के साथ तैयार रहती है लेकिन इंतज़ार रहता है बस केंद्र सरकार के आदेश का जो लगभग अब मिल चुका है.

पहले सेना ने कैसे दिया था आतंकी हमले का जवाब 

जम्मू कश्मीर के उरी में 18 सितंबर 2016 में आर्मी कैंप में हमला हुआ था, इस हमले के 6 दिन बाद 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में हमले की निंदा करते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी, पीएम मोदी के इस बयान के महज 4 दिन बाद 28 सितंबर को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए 38 आतंकियों और दो पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था. इसी तरह एक बार फिर आतंकियों ने कायराना हरकत करते हुए 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ जवानों से भरी बस पर अटैक किया था, इस दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 घंटे के अंदर एक रैली को संबोधित करते हुए यह कहा था कि आतंकियों ने बहुत बड़ी गलती कर दी है उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान के 11 दिन बाद यानी 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करते हुए 300 से ज्यादा आतंकियों को मौत की नींद सुलाया था. इसके बाद अब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कह दिया कहा है कि पाकिस्तान को इस कृत के लिए जवाब दिया जाएगा तो इसका मतलब यह साफ है कि अभी कुछ बड़ा होने वाला है इसके लिए सेना को सरकार ने खुली छूट भी दी है.

पाकिस्तान में दहशत

भारत ने पहलगाम हमले के बाद भले ही अभी तक कोई बड़ी सैन्य कार्रवाई नहीं की है लेकिन सरकार के द्वारा तीनों सेनाओं को छूट दिया गया है जिसेक कई मायने है, क्योंकि जब-जब सरकार ने सेना को फ्री छोड़ा है तब-तब दुश्मनों पर ठोस कार्रवाई हुई है. इसलिए पाकिस्तान के नेताओं ने आजकल सेना और जनता को जागते रहो का संदेश दे रहे है. आधी रात को पाकिस्तानी सरकार के मंत्री प्रेसवार्ता कर रहे है, जो बताता है को दहशत कितना है, भारत का पड़ोसी मुल्क पर. पाकिस्तानियों के मन में डर तो इतना है कि अब अन्य देशों के आगे अपनी जान की भीख मांगना शुरू कर दिए है. 

LoC पर रोजाना हो रहा सीजफायर का उल्लंघन

पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से भारत की सरकार पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करने के सख्त मूड में नजर आ रही है, इससे बौखलाए पाकिस्तानी रेंजर्स नियंत्रण रेखा पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहे हैं. नियंत्रण रेखा के अलग-अलग कैंपों पर पाकिस्तान की तरफ से छोटे और हल्के हथियारों से गोलीबारी की जा रही है जिसका भारत की सेना के द्वारा ताबड़तोड़ जवाब दिया जा रहा है. नियंत्रण रेखा पर 7 दिन के अंदर 11 बार सीमा पार से सीजफायर का उल्लंघन किया गया है.

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